विश्व पुस्तक मेले में पूर्व मंत्री व सांसद डीपी यादव की पुस्तक ‘वक्त साक्षी है’ का हुआ विमोचन
विश्व पुस्तक मेले (World Book Fair 2023) के आठवें दिन लेखक मंच पर लोकसभा एवं राज्य सभा सांसद और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे डीपी यादव (DP Yadav) की कविता संग्रह ‘वक्त साक्षी है’ का विमोचन हुआ।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 05 Mar 2023 03:50 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 9 दिवसीय विश्व पुस्तक मेले (World Book Fair 2023) के आठवें दिन लेखक मंच पर लोकसभा एवं राज्य सभा सांसद और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे डीपी यादव (DP Yadav) की कविता संग्रह ‘वक्त साक्षी है’ का विमोचन हुआ। वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस कविता संग्रह का विमोचन प्रख्यात भाषाविद् व पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने किया।
इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में नामचीन शायर एवं कवि आलोक यादव के साथ वाणी प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी एवं वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी समेत अन्य कई नामी-गिरामी शख्शियतें मौजूद रहीं। अपने लेखकीय सम्बोधन में पूर्व सांसद डीपी यादव ने कहा, “मैं यह नहीं कहता कि मैं कोई दार्शनिक हूं, लेकिन हां, मेरा अपना एक जीवन दर्शन है। मैंने जिंदगी को सदैव अपने नजरिए से देखा, परखा और समझा है। मैंने लहलहाते खेतों से लेकर सत्ता के चमकते गलियारों और जेल की सीलन भरी कोठरियों तक को नजदीक से देखा है।"
उन्होंने आगे कहा कि परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मैंने कभी हार नहीं मानी, कभी अपना हौसला नहीं टूटने दिया। ज्यादातर लोग सिर्फ सफलता की चमक देखते हैं लेकिन इस चमक के पीछे छुपी थकन, तड़प और घुटन पर उनकी नजर नहीं जाती। मेरी यात्रा का वो पक्ष, जो कुछ अनदेखा, अनजाना रह गया है वो इस काव्य-संग्रह के माध्यम से आप सबके समक्ष प्रस्तुत है। मुझे पूरा विश्वास है कि पाठकों विशेषकर युवाओं को इन कविताओं से प्रेरणा मिलेगी और जीवन को सदैव एक सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की दृष्टि भी।
वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी ने बताया कि पूर्व मंत्री डीपी यादव (DP Yadav) के इस कविता संग्रह में 100 से अधिक कविताएं हैं और कुछ कविताएं पिछले चार-पांच दशकों के राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में घटी प्रमुख घटनाओं को रेखांकित करती हुई प्रतीत होती हैं। पुस्तक वाणी प्रकाशन की ऑफिशियल वेबसाइट सहित अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसे सभी प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल्स पर उपलब्ध है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रकाशित हुई इस पुस्तक को डीपी यादव ने अपने पिता- स्वतंत्रता सेनानी स्व. महाशय तेजपाल यादव समेत आजादी के महायज्ञ में अपनी आहुति देने वाले सभी पुण्यात्माओं की पावन स्मृति को समर्पित की है।
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