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लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर दिल्ली के व्यापारी से मांगी थी रंगदारी, जमानत पर बाहर है पूर्व RAW अफसर विकास यादव

विकास यादव को अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। विकास को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक व्यापारी को किडनैप और उससे रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे एक और कैफे मालिक को किडनैप करके पीट था और रुपये ले लिए थे।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 19 Oct 2024 09:02 PM (IST)
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भारत सरकार का पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की हत्या की साजिश रचने के आरोप में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई (FBI) ने भारत सरकार के जिस पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव को वांटेड घोषित किया है, उन्हें करीब दस माह पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रोहिणी थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था।

विकास के साथ एक और शख्स को भी दिसंबर 2023 में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था। मामले को उस समय गोपनीय रखा गया था। केस दर्ज करने के बाद स्पेशल सेल ने मार्च में कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। इसके बाद बीते अप्रैल में विकास को जमानत मिल गई थी।

रोहिणी के व्यापारी से हुई थी मुलाकात

रोहिणी के रहने वाले एक व्यापारी ने 18 दिसंबर में पुलिस को शिकायत कर बताया था कि उसके जानकार ने एक माह पहले नवंबर 2023 में विकास यादव से मिलवाया था और कहा था कि वह वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं। व्यापारी का काम इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ा है, इसलिए उसके कई कांटेक्ट पश्चिम एशिया में है।

विकास ने खुद को बता रखा था अंडर कवर एजेंट

दोनों ने एक-दूसरे के नंबर शेयर किए और इनके बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। विकास अक्सर उसके काम और दोस्तों के बारे में जानकारी लेते रहते थे। विकास ने व्यापारी को बताया था कि वह अंडर कवर एजेंट का काम करते हैं, लेकिन काम और दफ्तर की जानकारी उन्होंने कभी साझा नहीं की थी।

लोधी रोड बुलाकर किया किडनैप

11 दिसंबर को विकास ने उन्हें फोन किया और कहा किसी मुद्दे पर उन्हें बात करनी है वह लोधी रोड आ जाए। जब वह लोधी रोड पहुंचे तब वहां पर विकास के साथ एक और शख्स था। दोनों उनका अपहरण कर डिफेंस कॉलोनी के एक फ्लैट में ले गए और वहां उन्हें बताया गया कि उन्हें खत्म करने के लिए एक गैंगस्टर से सुपारी मिली है। पैसे लूटने के बाद दोनों भाग गए थे। जांच में मामला पैसों के लेनदेन का पता चला था।

NIA ऑफिस के पास बुलाया

स्पेशल सेल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, विकास यादव ने व्यवसायी को 11 दिसंबर, 2023 को दक्षिणी दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कार्यालय के पास मिलने के लिए कहा था। यह दावा करते हुए कि उसे गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है।

लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर मांग पैसे

इस पर यादव अपने दोस्त अब्दुल्ला के साथ वहां आया था। प्राथमिकी में कहा गया है कि यादव और अब्दुल्ला ने कथित तौर पर पीड़ित को कार से धकेल दिया था और लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर पैसे की मांग की थी।

गंभीर परिणाम भुगतने की दी धमकी

आरोप में कहा गया है कि यादव ने एक खाली चेक पर व्यापारी से हस्ताक्षर करवा लिया था, साथ ही धमकी दी कि अगर उसने किसी को अपनी आपबीती बताई तब उसे गंभीर परिणाम भुगतना होगा। एफआईआर में कहा गया है कि घर लौटने के बाद पीड़ित को पता चला कि यादव और उसके सहयोगी ने उसके कैफे में रखे 50 हजार नकद भी ले लिए और सभी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग डिलीट कर दीं थी।

इन धाराओं में दर्ज है मुकदमा

पुलिस ने यादव और अब्दुल्ला के खिलाफ धारा 364ए (फिरौती के लिए अपहरण), 307 (हत्या का प्रयास), 328 (जहर का उपयोग करके किसी को नुकसान पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 323 ( चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 392 (डकैती), 411 (बेईमानी से चुराई गई संपत्ति प्राप्त करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) रचने की धाराओं में केस दर्ज है।

जमानत पर है बाहर

पुलिस ने 13 मार्च को यादव व अब्दुला के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसके बाद 22 मार्च को उसकी बेटी की बीमारी के आधार पर उसे छह दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। 22 अप्रैल को कोर्ट ने यादव को नियमित जमानत भी दे दी थी।

अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश रचने का लगाया आरोप

बृहस्पतिवार को संघीय अभियोजकों ने एक अमेरिकी अदालत में दायर अभियोग में दावा किया कि यादव को कैबिनेट सचिवालय द्वारा नियुक्त किया गया था, जिसमें भारत की विदेशी खुफिया सेवा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) शामिल है। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि यादव जो फरार है, पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में उसकी कथित भूमिका के संबंध में भाड़े के बदले हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहा है। पहले अभियोग में उसकी पहचान "सीसी-1" (सह-साजिशकर्ता) के रूप में थी।

भारत सरकार ने क्या कहा

अमेरिकी संघीय अभियोजकों के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि उनके द्वारा नामित व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है, क्योंकि उन्होंने एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश में अमेरिका की धरती पर किसी भी तरह के संबंध या संलिप्तता से इनकार किया है। अमेरिका ने इस मामले में भारत की ओर से सहयोग पर संतोष जताया है।

मामले में सह-साजिशकर्ता निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद पिछले साल जून में पन्नू की हत्या की कोशिश को नाकाम कर दिया गया था, जो वर्तमान में चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण के बाद अमेरिकी जेल में बंद है।

पिटाई का भी है आरोप

मरकज कैफे के मालिक राज कुमार वालिया ने पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि 17 दिसंबर को विकास यादव व अब्दुला खान ने अपनी अर्टिगा कार से उन्हें अगवा कर डिफेंस कॉलोनी स्थित एक फ्लैट में ले जाकर उनकी जमकर पिटाई की थी और धमकाते हुए कहा था कि दुबई में रहने वाले जलालुद्दीन ने उनकी हत्या करने के लिए सुपारी दी है।

अगर वह पैसे दे देंगे तब उनकी जान बच जाएगी। इस पर वालिया ने तत्काल 20 लाख रुपये मंगवा कर दे दिया था। 50 हजार दोनों ने कैफे से भी लूट लिया था। वालिया को नशीला पदार्थ भी पिलाया गया था। पुलिस आयुक्त ने केस को स्पेशल सेल में ट्रांसफर कर दिया था। तेज तर्रार डीसीपी मनीषी चंद्रा को केस की जांच सौंपी गई थी। सेल ने दो दिन बाद ही पहले यादव को दक्षिण जिला व बाद में ग्रेटर नोएडा से अब्दुला खान को दबोच लिया था।

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