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पेट में घूम रहा था जिंदा कॉकरोच..., दर्द होने पर डॉक्टर के पास पहुंचा युवक; फिर 10 मिनट में ऐसे बची जान

Delhi News राजधानी दिल्ली में फोर्टिस हॉस्पिटल की डॉक्टरों की टीम ने 10 मिनट में एक युवक की जान बचा ली। दरअसल युवक की आंत में जिंदा कॉकरोच फंसा हुआ था। अस्पताल की डॉक्टरों की टीम ने युवक की आंत की सर्जरी की और तीन सेमी लंबे जिंदा कॉकरोच को बाहर निकाल दिया। युवक पेट में दर्द व अपच की परेशानी से जूझ रहा था।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 08:08 AM (IST)
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दिल्ली में फोर्टिस हॉस्पिटल की टीम ने एक युवक की जान बचा ली। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। Delhi News राजधानी दिल्ली में वसंतकुंज स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल की टीम ने 23 वर्षीय युवक की छोटी आंत से तीन सेंटीमीटर लंबे जिंदा कॉकरोच को बाहर निकालने में कामयाबी पाई है। युवक दो-तीन दिन से पेट दर्द और अपच की परेशानी से जूझ रहा था।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइल (जीआई) एंडोस्कोपी जांच में पेट में कॉकरोच दिखा, जिसे एंडोस्कोपी की मदद से डॉक्टरों की टीम ने 10 मिनट की सर्जरी करके बाहर निकाला। समय पर कॉकरोच को बाहर नहीं निकाला जाता, तो संक्रमण की वजह से युवक की जान को खतरा था।

दो-तीन दिन से युवक के पेट में था दर्द

बताया गया कि मरीज को जब अस्पताल में भर्ती किया गया था तो वह पिछले 2-3 दिनों से पेट में दर्द और अपच की शिकायत से जूझ रहा था। फोर्टिस हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डा. शुभम वत्स के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने मरीज को गैस्ट्रोइंटेस्टाइल (जीआई) एंडोस्कोपी की सलाह दी। ऊपरी जीआई ट्रैक्ट की जांच के बाद उनके पेट दर्द और अपच का कारण डॉक्टरों को समझ आया।

छोटी आंत में चिपका था जिंदा काकरोज

वहीं, जांच में मरीज की छोटी आंत में एक जिंदा कॉकरोच चिपका पाया गया। डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी कर इस जिंदा कॉकरोच को सफलतापूर्वक निकाला। इस प्रक्रिया के लिए एंडोस्कोपी की मदद ली गई। टीम ने एंडोस्कोप के माध्यम से कॉकरोच को सक्शन चैनल में खींच और यहां से उसे शरीर से बाहर निकालकर मरीज की जान बचायी।

डा. शुभम वत्स ने बताया कि छोटी आंत में जिंदा कॉकरोच होना जानलेवा हो सकता था, इसलिए हमने एंडोस्कोपी की मदद से तत्काल इसे बाहर निकालने की सर्जरी की। डॉक्टरों का अनुमान है कि मरीज के खाना खाते समय या फिर जब वह सो रहे थे, उस समय कॉकरोच शरीर में घुसा होगा। यदि समय पर इसे बाहर नहीं निकाला जाता तो संक्रमण की वजह से मरीज की जान पर भी खतरा था।

लेडी हार्डिंग में अगले वर्ष शुरू होगी रेडियोथेरेपी की नई मशीन

दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के अस्पताल में रेडियोथेरेपी की अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि सेफ्टी ट्रायल पूरा होने पर अलगे वर्ष की शुरुआत से लीनियर एक्सीलेटर मशीन से रेडियोथेरेपी की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे कैंसर मरीजों को इलाज में राहत मिलेगी।

इस वर्ष अप्रैल में ही वर्षों के इंतजार के बाद एलएचएमसी के अस्पताल में ब्रेकीथेरेपी की सुविधा शुरू हुई थी। इस तकनीक का इस्तेमाल सर्विकल कैंसर के मरीजों को रेडियोथेरेपी देने में अधिक होता है। इस अस्पताल में पहले रेडियोथेरेपी के लिए लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन नहीं थी। कुछ माह पहले ही लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन खरीदकर अस्पताल में लाया गया है।

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मशीन बंकर में स्थापित करने के बाद सेफ्टी ट्रायल शुरू के दो चरण पूरा किया जा चुका है। जिसकी रिपोर्ट परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड को भी भेजी गई है। अंतिम चरण का ट्रायल अभी बाकी है। मौजूदा समय में दिल्ली में सिर्फ चार सरकारी अस्पतालों में ही रेडियोथेरेपी की सुविधा है। जिसमें एम्स, दिल्ली कैंसर राज्य संस्थान, सफदरजंग और लोकनायक अस्पताल शामिल है।

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