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सरकारी विभागों की लापरवाही से दिल्ली में सात दिनों में हुई चार मौतें, एक भी मामले में अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गत सात दिनों में अलग-अलग सरकारी विभागों की लापरवाही से एक किशोर समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें तीन की मौत करंट लगने से हुई है। हैरानी की बात यह है कि इन मौतों के पीछे जिस विभाग की लापरवाही है उसके बारे में विभागों के वरिष्ठतम अधिकारियों और पुलिस को भी पता है।

By Dhananjai MishraEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 03 Jul 2023 12:56 AM (IST)
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ऑटो चालक की मौत और रेलवे स्टेशन पर साक्षी की मौत।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गत सात दिनों में अलग-अलग सरकारी विभागों की लापरवाही से एक किशोर समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें तीन की मौत करंट लगने से हुई है। हैरानी की बात यह है कि इन मौतों के पीछे जिस विभाग की लापरवाही है उसके बारे में विभागों के वरिष्ठतम अधिकारियों और पुलिस को भी पता है, लेकिन अभी तक किसी भी जिम्मेदार की गिरफ्तारी तो दूर स्पष्ट तौर पर पहचान तक नहीं हो सकी है।

पुलिस और संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी घटना के पीछे जिम्मेदारों का पता लगा कर सख्त कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन अब तक जिम्मेदारों की पहचान ही नहीं हो पाई है। ऐसे में मृतक के स्वजन को न्याय मिलने की उम्मीद न बराबर ही दिख रही है।

पुलिस लापरवाही से हुई मौत के मामले में लापरवाही से हुई मौत की धारा 304ए के तहत एफआईआर दर्ज करती है। यह जमानती धारा है, जिसमें थाने से ही जमानत दिए जाने का प्रविधान है।

ऐसे में उक्त मामलों में पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी करती है तो उन्हें थाने से ही जमानत मिल जाती है। साथ ही यदि आरोपित का दोष कोर्ट में साबित हो जाता है तो उसे अधिकतम दो वर्ष की सजा का ही प्रविधान है।

पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में दोषसिद्धि दर बहुत ही कम है। अधिकतर मामलों में साक्ष्यों के अभाव में आरोपितों को सजा नहीं मिल पाती है और वे बच जाते हैं।

अस्पताल में कई जगहों पर दिखी खुली तारें

लोकनायक अस्पताल में रविवार को कई जगहों पर बिजली की खुली हुई तारें दिखीं। लाइटों के खंभों में नीचे बिजली के बॉक्स खुले हुए हैं। उसमें तार बाहर की तरफ दिख रहे हैं। उनमें टेप लगाई गई है। वर्षा के समय यह तार हादसों को दावत देते नजर आ रहे हैं।

25 जून को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन परिसर में शिक्षिका की करंट लगने से हुई मौत के बाद भी सरकारी विभाग से लेकर निजी कंपनियां तक लापरवाह बने हुए है, इससे लगातार हादसे हो रहे हैं।

हाल में हुए हादसे

दो जुलाई : लोकनायक अस्पताल में निर्माणाधीन इमारत के भूतल में करंट लगने से श्रमिक सुजीत कुमार की मौत हुई। अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

30 जून : हर्ष विहार में पीडब्ल्यूडी द्वारा नंदनगरी से भोपूरा तक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके चलते सड़क पर गड्ढा खोदा गया था। शाम में के समय आटो उसी गड्ढा में गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हुई है।

25 जनवरी : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन परिसर में सुबह शिक्षिका साक्षी आहूजा की करंट लगने से मौत हुई। अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

25 जनवरी : न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में भी सुबह गली में पानी में पड़े बिजली के टूटे तार की चपेट में आने से 17 वर्षीय सुहैल की मौत हो गई। इसमें भी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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