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Shardiya Navratri 4th Day 2022: नवरात्र का चौथा दिन आज, मां कूष्मांडा की इस विधि से करें पूजा अर्चना

Shardiya Navratri 4th Day 2022 जो भक्त बिना लालच के मां की आराधना करता है तो सृष्टि में उसका कभी अमंगल नहीं होता है। जब-जब देवों पर कोई संकट आया है तो मां ने ही उनको संकट मुक्त किया है।

By JagranEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Thu, 29 Sep 2022 06:32 AM (IST)
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Shardiya Navratri 4th Day 2022: मां ने कई राक्षसों का वध कर देवता और जीवों को अत्याचार से मुक्ति दिलाई।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Shardiya Navratri 4th Day 2022: शारदीय नवरात्रि को लेकर रोजाना मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए श्रद्वालुओं की काफी भीड़ रहती है। राजधानी दिल्ली के साथ ही एनसीआर के मंदिरों में भी मां की पूजा पाठ के लिए भक्तों की सुबह से ही कतार लग जाती है। वहीं, गुरुवार को नवरात्र के चौथे दिन मंदिरों में मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की जयघोष हुई। श्रद्धालुओं ने अपने घरों व मंदिरों में विधि-विधान से पूजा अर्चना की।

एनसीआर में नोएडा व गाजिाबाद के शालीमार गार्डन, वसुंधरा, वैशाली, इंदिरापुरम, शक्तिखंड-3 के कई मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ और भजन-कीर्तन हुआ। इंदिरापुरम शक्तिखंड-3 शिव मंदिर के पंडित ने मां दुर्गा के चौथे स्वरूप का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि मां दुर्गा से ही ब्रह्मांड की रचना हुई है। ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि में चारों ओर अंधकार था और कोई जीव-जंतु भी नहीं था।

उसी समय मां ने सृष्टि की रचना की। इसलिए ही मां के इस स्वरूप को कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है। मां का यह स्वरूप भक्तों का अनंत फल देने वाला है। जो भक्त बिना लालच के मां की आराधना करता है तो सृष्टि में उसका कभी अमंगल नहीं होता है। जब-जब देवों पर कोई संकट आया है तो मां ने ही उनको संकट मुक्त किया है। मां ने कई राक्षसों का वध कर देवता और जीवों को उनके अत्याचार से मुक्ति दिलाई।

वहीं, नवरात्र के अवसर पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की अधिक संख्या देखने को मिल रही है। मंदिरों में तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दर्शन करन के लिए सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। हर कोई माता की भक्ति में लीन थे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग लोग दर्शन करने के मंदिरों के बाहर लंबी लाइनों में अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। मंदिरों से लेकर घरों में भक्ति गीतों की गूंज सुनाई दे रही थी।

मंदिरों में वैदिक-मंत्रों व विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। शाम को भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। कोई हाथों में धार्मिक झंडे तो कोई माता के जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश कर रहा था। मंदिरों के परिसर भक्तों की भीड़ से शोभायमान हो उठे। मंदिरों के बाहर जगह-जगह भंडारे भी चल रहे थे। चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर, झंडेवाला देवी मंदिर, मिंटो रोड काली मंदिर, बंगला साहिब रोड काली मंदिर समेत स्थानीय मंदिरों में भक्तो की भीड़ उमड़ी रही।

गौरी शंकर मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई परेशानी न हो इसके लिए सेवादार भी तैनात दिखे। मंदिर को फूलों व रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। मंदिर की सजावट यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। मंदिर के आरती मंडली के प्रधान महेंद्र भारद्वाज ने कहा कि रोज शाम को भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।

श्रद्धालुओं की कतारों को संभालना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन सेवादार तैनात किए गए हैं। वहीं, झंडेवाला देवी मंदिर में दिनभर भजन कीर्तन का सिलसिला जारी रहा। मंदिर के मीडिया प्रमुख नंद किशोर सेठी ने कहा कि भक्त दूर-दूर से दर्शन करने पहुंच रहे हैं। जिससे उनके लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। पटेल नगर से दर्शन करने आए सौम्या ने कहा कि यहां आकर अच्छा लग रहा है। मंदिरों को इस तरह सजाया गया जिसे देख मन खुश हो गया है। 

इस विधि से मां कूष्मांडा को करें याद

  • सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • इसके बाद मां कूष्मांडा का ध्यान कर उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें।
  • इसके बाद मां कूष्मांडा को हलवे और दही का भोग लगाएं। आप फिर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।
  • मां का अधिक से अधिक ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें
  • पूजा के अंत में मां की आरती करें और मन में ऐसा विचार करें कि मां हम पर कृपा बरसाएं।
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