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सेल्युलर जेल की तर्ज पर दिल्ली में बनेगा चौथा कारागार, खूंखार अपराधियों को रखने की होगी व्यवस्था

Narela Jail नरेला में बनने वाली नई जेल उच्च जोखिम वाले कैदियों के लिए होगी। इस जेल में 250 सेल होंगे और इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेल्युलर जेल की तर्ज पर बनाया जाएगा। जेल में योग जैसी सुधारात्मक सुविधाएं भी होंगी। इस जेल में आतंकवादियों और गैंगस्टरों को रखा जाएगा। पहली मंजिल पर कार्यालय डिस्पेंसरी आदि बनाई जाएगी।

By V K Shukla Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 02 Nov 2024 03:58 PM (IST)
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Narela Jail Update: नरेला में जेल बनाने की प्रक्रिया हुई तेज। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नरेला में नई जेल बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। गत दिनों लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने जेल की योजना का ड्राफ्ट गृह विभाग को सौंप दिया है। गृह विभाग की अनुमति के बाद पीडब्ल्यूडी योजना को लेकर टेंडर निकालने की कार्रवाई शुरू करेगा।

योजना के तहत डबल स्टोरी इमारत में जेल बनेगी। कैदी भूतल पर ही रहेंगे, पहली मंजिल पर कार्यालय, डिस्पेंसरी आदि बनाई जाएगी। कुल 1 लाख 63 हजार 640 वर्ग मीटर एरिया में जेल बनेगी। जिसमें 15 हजार 446 वर्ग मीटर में निर्माण होगा। जेल पर 96 करोड़ का खर्च आएगा। टेंडर दिए जाने के बाद 18 माह में काम पूरा होगा।

नरेला में बनने वाली जेल उच्च जोखिम वाले कैदियों को रखने के लिए चौथी जेल होगी। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परियोजना के पीछे विचार यह है कि वे कैदी जो राज्य के खिलाफ किए गए अपराधों के कारण जेल में हैं, अलग रखे जा सकें। हालांकि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली में यह सुविधा है, मगर नया जेल परिसर केवल ऐसे कैदियों को रखे जाने के लिए बनाया जाएगा जो समाज के लिए खतरा हैं।

प्वाइंट में समझें 

  • डबल स्टोरी इमारत में बनेगी जेल।
  • पहली मंजिल पर होगा दफ्तर।
  • भूतल पर रहेंगे कैदी।
  • जेल पर 96 करोड़ का आएगा खर्च।
  • टेंडर देने के 18 माह में काम होगा पूरा।
  • 15 हजार 446 वर्ग मीटर में होगा निर्माण।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने नरेला में जेल के लिए जमीन आवंटित की है। किसी न किसी योजना के मुताबिक जेल में 250 सेल होंगे और इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल की तर्ज पर बनाया जाएगा।

अधिकारी के अनुसार जेल में योग जैसी सुधारात्मक सुविधाएं भी होंगी। एक ऐसी फैक्ट्री भी होगी जहां कैदी खुद को कुछ चीजें बनाने में लगा सकेंगे। जेल का उद्देश्य एक सुधार केंद्र के रूप में काम करना होगा। इस जेल में आतंकवादियों और गैंगस्टरों को रखा जाएगा। केंद्र सरकार भी इस परियोजना के लिए धन देगी।

नई जेल में अन्य पड़ोसी राज्यों के हाई-प्रोफाइल कैदियों की जगह प्राथमिकता दिल्ली से संबंधित कैदियों को रखने की ही होगी। जेल की सुरक्षा सुविधाओं में सीसीटीवी कैमरे, चौबीसों घंटे निगरानी, कैदियों के बीच ज्यादा बातचीत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए आइसोलेशन रूम, ऊंची दीवारें और बेहतर तकनीक के मोबाइल जैमर शामिल होंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को बाहरी दुनिया की भनक तक न लगे।

दिल्ली में अभी तीन जेल परिसर हैं, तिहाड़, रोहिणी और मंडोली। तिहाड़ को दुनिया के सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक माना जाता है, जिसमें नौ केंद्रीय जेल शामिल हैं। इसमें 5,200 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में इसकी विभिन्न केंद्रीय जेलों में 13,183 कैदी बंद हैं।

मंडोली में छह केंद्रीय जेल हैं। इसकी क्षमता 1,050 है, लेकिन वर्तमान में 2,037 कैदी वहां रह रहे हैं। रोहिणी में केवल एक सेंट्रल जेल है, जिसकी क्षमता 3,776 है, लेकिन वहां 4,355 कैदी बंद हैं। इन जेलों में बंद उच्च जोखिम वाले कैदियों में ओलिंपिक रजत पदक विजेता सुशील कुमार, ठग सुकेश चंद्रशेखर और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक आदि शामिल हैं।

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