शाहीनबाग प्रदर्शन, दिल्ली दंगे से लेकर किसान आंदोलन, सियासी उठापटक का गवाह रहा यह साल
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शाहीनबाग में शुरू हुआ धरना विधानसभा में चुनावी मुद्दा बना। धरना स्थल से देश विरोधी बातें भी की गईं। हिंसा के लिए उकसाया गया। फरवरी में यमुना पार में दंगा शुरू हो गया।
नई दिल्ली, संतोष कुमार सिंह। शाहीनबाग प्रदर्शन और चुनावी गहमाहमी के साथ नए वर्ष की शुरुआत हुई और कोरोना महामारी के दौर में भी पूरे वर्ष सियासी दांवपेच चलता रहा। विधानसभा चुनाव को लेकर वर्ष के शुरू से ही राजधानी का सियासी पारा हाई रहा। कोरोना संक्रमण, इससे बचाव के उपाय और अस्पतालों में व्यवस्था को लेकर भी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे को कठघरे में खड़ी करती रहीं। वर्ष की शुरुआत की तरह समापन भी धरना-प्रदर्शन व आरोप-प्रत्यारोप के साथ हो रहा है। कृषि कानूनों को लेकर राजधानी की सीमा पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी व कांग्रेस किसान आंदोलन के समर्थन में है। दूसरी ओर भाजपा इन पार्टियों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगा रही है। पार्टी के नेता किसानों को जागरूक करने में लगे हुए हैं।
केजरीवाल तीसरी बार बने दिल्ली के मुख्यमंत्री
दिल्ली की सत्ता से वनवास खत्म करने के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यहां की सड़कों पर उतरा, लेकिन वे आम आदमी पार्टी (आप) को मात नहीं दे सके। भाजपा की सीटें तीन से बढ़कर आठ तक ही पहुंच सकी। आप 62 सीटें जीतकर अपनी सत्ता भारी बहुमत के साथ बरकरार रखने में कामयाब रही। अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन व राजेंद्र पाल गौतम ने भी फिर से मंत्री पद की शपथ ली।
सीएए के विरोध में धरना से हिंसा की आग
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शाहीनबाग में शुरू हुआ धरना विधानसभा में चुनावी मुद्दा बना। धरना स्थल से देश विरोधी बातें भी की गईं। हिंसा के लिए उकसाया गया। फरवरी में यमुना पार में दंगा शुरू हो गया। कई दिनों तक उत्तरी पूर्वी दिल्ली हिंसा की आग में जलती रही। 53 लोगों की जान चली गई, कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। लोगों की दुकानें व घर जला दिए गए।
आम आदमी पार्टी दुर्गेश पाठक को मिली नगर निगम की जिम्मेदारी
आप नेता दुर्गेश पाठक को पार्टी की ओर से नगर निगमों का प्रभारी बनाया गया। पद मिलने के बाद से पाठक नगर निगमों को लेकर सक्रिय हैं। निगमों में सत्तासीन भाजपा को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। विभिन मुद्दों को लेकर निगमों के खिलाफ धरना प्रदशन किए, गिरफ्तारी दी।
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