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सीलिंग अभियान से कर्मचारियों को भविष्य की चिंता, ये है दिल्ली के 'दिल की आवाज'

सीलिंग परेशानी का सबब बन गई है। दिल्ली के बाजारों में काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Tue, 13 Mar 2018 04:44 PM (IST)
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सीलिंग अभियान से कर्मचारियों को भविष्य की चिंता, ये है दिल्ली के 'दिल की आवाज'

नई दिल्ली [जेएनएन]। सीलिंग अभियान से दिल्ली के कारोबारियों की परेशानी बढ़ गई है। सिर्फ कारोबारी ही नहीं बल्कि कारोबारी प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। कारोबारी संगठनों का दावा है कि तीन माह से चल रही सीलिंग में 20 हजार से अधिक कारोबारी या सेवा प्रतिष्ठानों पर सीलिंग की गाज गिरी है, जिसकी जद में इन प्रतिष्ठानों के मालिकों के साथ यहां काम करने वाले कर्मचारी भी आए हैं। इतना ही नहीं सदर बाजार, खारी बावली, नया बाजार जैसे बाजारों में बड़े पैमाने पर कनवर्जन चार्ज के नोटिस मिले हैं। ऐसे में कमोबेश पूरी दिल्ली के बाजारों में काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। 

सीलिंग अभियान से कर्मचारी भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है, क्योंकि जिन-जिन दुकानों की सीलिंग हुई है, उनके कर्मचारी अब बेरोजगार हैं। एक दुकान पर कम से कम दो से तीन कर्मचारी होते हैं। ऐसे में सीलिंग को लेकर कर्मचारियों में चर्चा ज्यादा है। कर्मचारी यही मनाते हैं कि वह जहां कर रहे हैं वह प्रतिष्ठान सील न हो।

बाल कृष्ण अमरसरिया, कर्मचारी, सदर बाजार

सीलिंग के भय से बाजारों में चिंता का माहौल है। जहां भी सीलिंग का दस्ता पहुंचता है। उस बाजार में सारी दुकानें बंद हो जाती हैं। इससे कारोबार प्रभावित हो रहा है। कुछ दुकानें डर के कारण बंद है तो कुछ सीलिंग के कारण। इससे कर्मचारियों और मजदूरों को कम काम मिल रहा है।

दयाराम द्विवेदी, कर्मचारी, क्लाथ मार्केट

सबसे अधिक दिक्कत उन कर्मचारियों को है, जो जहां काम करते थे, उन दुकानों की सीलिंग हो गई है। ऐसे में उन्हें दुकानदार जवाब दे रहे हैं। जब दुकान ही सील हो गई है तो दुकानदार कर्मचारियों को रखेगा भी क्यों।

कर्मचारियों की छंटनी हो रही है।

बाबू लाल शर्मा, प्रधान, कर्मचारी कपड़ा मार्केट

सीलिंग को लेकर बाजारों में कारोबार की जगह हड़ताल व धरना प्रदर्शन ने ले लिया है। यहां तक की कई बार बाजार बंद भी किया जा चुका है। इसका असर चाय की बिक्री पर पड़ा है।

सुनील राठौर, चाय की दुकान, तेलीवाड़ा 

यह भी पढ़ें: सीलिंग के खिलाफ दिल्ली में आज महाबंद, 7 लाख से अधिक कारोबारी उतरे सड़कों पर

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