G-20 Summit: विदेशी प्रतिनिधि मंडल के स्वास्थ्य का डॉक्टरों और नर्साें की 80 टीमें करेंगी देखभाल
विदेशी प्रतिनिधि मंडल के स्वास्थ्य का देखभाल के लिए राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों और नर्सों की 80 टीमें तैनात रहेंगी। बैठकों के दौरान सात से 10 सितंबर के बीच सभी निजी अस्पतालों को अलर्ट रहने की भी एडवाइजरी जारी किया है। प्राथमिक चिकित्सा की देखरेख के लिए डॉक्टरों और नर्सों की 70 टीमों की जरूरत है इसके मद्देनजर 80 टीमों का विवरण विदेश मंत्रालय काे भेजा गया है।
By Dhananjai MishraEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 23 Aug 2023 06:29 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विदेशी प्रतिनिधि मंडल के स्वास्थ्य का देखभाल के लिए राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों और नर्सों की 80 टीमें तैनात रहेंगी। किसी भी आपात स्थिति में इन टीमाें को अधिकार होगा कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर संबंधित व्यक्ति को किसी भी सरकारी और निजी अस्पताल में भर्ती करा कर उपचार करा सकेंगी।
व्यक्ति को देनी होगी जरूरी सुविधाएं
इससे कोई भी अस्पताल मना नहीं कर सकेगा, उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं संबंधित व्यक्ति को देनी ही होंगी। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को आदेश जारी कर कहा है कि जी-20 शिखर सम्मेलन देश के लिए गर्व आयोजन है, अतिथियों को किसी भी तरह के उपचार के लिए सरकारी और निजी अस्पताल मना नहीं करेंगे, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं पहली प्राथमिकता में दिया जाए।
निजी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी
स्वास्थ्य विभाग ने जी-20 सम्मेलन की बैठकों के दौरान सात से 10 सितंबर के बीच सभी निजी अस्पतालों को अलर्ट रहने की भी एडवाइजरी जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक चिकित्सा की देखरेख के लिए डॉक्टरों और नर्सों की 70 टीमों की जरूरत है, इसके मद्देनजर 80 टीमों का विवरण विदेश मंत्रालय काे भेजा गया है। टीमों का पुलिस सत्यापन का कार्य चल रहा है।सत्यापन के बाद उनके पहचान पत्र बनाए जाएंगे। इन सभी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एडवांस केयर लाइफ सपोर्ट पर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सभी जगहों पर बीपी उपकरण, ग्लूकोमीटर जैसे आपातकालीन चिकित्सा उपकरण दिल्ली सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे। राष्ट्रध्यक्षों और प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के काफिला में एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस को चलाने के लिए 30 सीनियर रेजिडेंट्स डाक्टरों (एनेस्थीसिया) की जरूरत होगी, इस हिसाब से 36 सीनियर रेजिडेंट्स डाक्टरों (एनेस्थीसिया) को तैनात किया गया है। सभी का पुलिस सत्यापन कराने के बाद पहचान पत्र जारी करने के लिए जरूरी विवरण विदेश मंत्रालय को दिया जा चुका है।
आपालकालीन सेवाओं के लिए तीन अस्पतालों को हुआ चयन
दिल्ली सरकार ने आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए लोक नायक अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल और जीटीबी अस्पताल का चयन किया है। यह अस्पताल मुख्य आयोजन स्थल प्रगति मैदान के नजदीक हैं। इस अस्पतालों में उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। इसके अलावा 76 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और 30 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (कुल106) तैनात की जाएंगी। एम्स से सभी कर्मियों का पैरामेडिक्स की ट्रेनिंग पूरी हो गई है।सभी कर्मचारियों का विवरण विदेश मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की सुरक्षा यूनिट के डीसीपी को दिया जा चुका है। कर्मचारियों के लिए वर्दी और एम्बुलेंस पर जी-20 लोगो लगाने समेत अन्य कार्य 31 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि बैठकों के दौरान केमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल और न्यूक्लियर (सीबीआरएन) जैसे हमला होने के बाद उपचार के लिए सभी चिकित्सा अधिकारियों काे केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रायल द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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