G-20 Summit In Delhi: वर्षा के बाद जलभराव से निपटने का प्लान तैयार, LG ने किया विभिन्न स्थानों का दौरा
उपराज्यपाल ने इस वर्ष जुलाई में आई बाढ़ के बाद प्रगति मैदान/भैरों मार्ग पर स्थित मुख्य शिखर सम्मेलन स्थल पर जहां जल-जमाव की संभावना रहती है जिसके परिणामस्वरूप अक्सर रिंग रोड तक जाने वाली सुरंग में पानी भर जाता है एक श्रेणीबद्ध जल निकासी योजना बनाने के निर्देश दिए थे। योजना के तहत पानी को पहले 1000 लीटर क्षमता वाले छोटे जलाशयों में एकत्रित किया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Fri, 25 Aug 2023 07:50 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जुलाई में यमुना की बाढ़ का सामना कर चुकी दिल्ली में जी 20 के दौरान तेज वर्षा के चलते जलभराव की स्थिति न बने, इसे लेकर आकस्मिक प्लान तैयार किया गया है। एलजी वीके सक्सेना ने बुधवार देर शाम विभिन्न स्थानों का दौरा कर इस दिशा में की जा रही तैयारियों का जायजा भी लिया। उन्होंने भैरों मार्ग पर प्रगति मैदान गेट नंबर पांच से राजघाट तक पूरे रास्ते का निरीक्षण किया और बाढ़ रोकने के लिए व्यवस्थाओं के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने बाढ़ स्थिति से निपटने के लिए राजघाट पर किए जा रहे इंतजामों की भी समीक्षा की।
एलजी ने हाल ही में जी-20 की तैयारियों / समीक्षा बैठक के दौरान शहर में भारी वर्षा की स्थिति में आइटीपीओ, राजघाट, प्रतिनिधियों के लिए निर्दिष्ट होटलों और अन्य विशेष स्थलों के आसपास भारी जलभराव से निपटने के लिए एक आकस्मिक योजना बनाने का निर्देश दिया था। उन्होंने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कार्यक्रम के दौरान गणमान्य व्यक्तियों/ प्रतिनिधियों द्वारा अपनाए जाने वाले मार्गों पर किसी भी तरह से जल-जमाव न हो। इस योजना के अंतर्गत आवश्यकता पड़ने पर सड़क पर जमा अतिरिक्त पानी को साफ करने के लिए ट्रैक्टर पर लगे 50 एचपी के हेवी ड्यूटी पंप लगाना शामिल है।
यह उन मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) वाहनों के अतिरिक्त है, जिसमें सड़कों के किनारे जमा कीचड़/गाद की सफाई के लिए हैवी वाटर जेट मशीनें और बंद नालियों और सीवर लाइनों को साफ करने के लिए एक सुपर सकर की व्यवस्था की गई है। यह सभी वाहन 24 घंटे सेवा में उपलब्ध रहेंगे जिन पर एक एमआरएस ऑपरेटर, सेनेटरी इंस्पेक्टर, हेल्पर और एक प्रोबेशनर आइएएस/दानिक्स अधिकारी 12-12 घंटे की शिफ्ट में तैनात रहेंगे। इनके साथ सड़कों पर किसी भी सिविल वर्क को करने के लिए श्रमिकों और उपकरणों को ले जाने वाला एक वाहन भी मौजूद होगा।
इन वाहनों और कर्मियों की समग्र निगरानी संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम को सौंपी गई है। उपराज्यपाल ने इस वर्ष जुलाई में आई बाढ़ के बाद प्रगति मैदान/भैरों मार्ग पर स्थित मुख्य शिखर सम्मेलन स्थल पर, जहां जल-जमाव की संभावना रहती है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर रिंग रोड तक जाने वाली सुरंग में पानी भर जाता है, एक श्रेणीबद्ध जल निकासी योजना बनाने के निर्देश दिए थे। योजना के तहत पानी को पहले 1000 लीटर क्षमता वाले छोटे जलाशयों में एकत्रित किया जाएगा, फिर इसे 2000 लीटर क्षमता वाले जलाशयों में डाला जाएगा और तत्पश्चात इसको 50,000 लीटर की क्षमता के बड़े जलाशय तक पहुंचाया जाएगा। यहां से इस पानी को ड्रेन नंबर 12 के जरिए यमुना में डाला जाएगा।
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