G20 Summit 2023: कैसे बनी घोषणा पत्र पर सहमति, विदेशी राजनयिकों ने कहा, यह भारत की बड़ी उपलब्धि
G20 Summit 2023 राजनयिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि चीन रूस और अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों के साथ भारत की कड़ी बातचीत और ब्राजील दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया के मजबूत समर्थन से नई दिल्ली के प्रयासों को जी-20 घोषणा पत्र पर आम सहमति बनाने में मदद मिली। अन्यथा यूक्रेन युद्ध पर तीव्र मतभेदों को देखते हुए आशंका जताई जा रही थी।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sun, 10 Sep 2023 06:50 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। राजनयिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि चीन, रूस और अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों के साथ भारत की कड़ी बातचीत और ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया के मजबूत समर्थन से नई दिल्ली के प्रयासों को जी-20 घोषणा पत्र पर आम सहमति बनाने में मदद मिली। अन्यथा यूक्रेन युद्ध पर तीव्र मतभेदों को देखते हुए आशंका जताई जा रही थी कि क्या घोषणा पत्र जारी जारी किया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि यूरोपीय संघ द्वारा पाठ पर सहमति जताने के बाद भारत यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पाठ पर चीन को मनाने में अच्छी तरह कामयाब रहा। फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने देशों को एक साथ लाने की एक तरह की शक्ति और क्षमता प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा कि बहुत से देश बातचीत करने की ऐसी स्थिति में नहीं हैं, जैसा यूक्रेन संघर्ष पर नई दिल्ली ने सभी की राय लेने और एक समझौता प्रस्ताव तैयार करने के लिए किया।
यूरोपीय सूत्रों ने कहा, यह एक कठिन बातचीत थी और घोषणा पर सहमति भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। घोषणा में यूक्रेन पर "रूसी आक्रामकता" शब्द की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर, जो बाली जी-20 घोषणा में शामिल था, सूत्रों ने कहा कि पश्चिमी देश समग्र परिणामों से संतुष्ट थे। एक अन्य सूत्र ने कहा कि भारत ने शुक्रवार रात जी-20 सदस्यों को अंतिम मसौदा वितरित करते हुए कहा कि यदि वे इससे सहमत नहीं हैं, तो कोई घोषणा नहीं होगी। फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने घोषणा को पेरिस के दृष्टिकोण से "बहुत संतोषजनक" बताया। फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने यह भी कहा कि भारतीय अध्यक्षता "आम सहमति की भाषा उभरती" देखना चाहती है।
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