G-20 Summit in Delhi: सड़कों पर रहने वाले बेघरों को हटाएगी दिल्ली सरकार, रैन बसेरों में बसाने की चल रही तैयारी
दिल्ली सरकार प्रमुख सड़कों से बेघरों और भिखारियों को पकड़कर रैन बसेरों में भेज रही है जिसमें कश्मीरी गेट बस अड्डा राजघाट और हनुमान मंदिर शांतिवन लालबत्ती जैसे इलाकों पर फोकस बढ़ाया गया है। चांदनी चौक के मुख्य मार्ग से भी बेघरों और भिखारियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि इस प्रमुख बाजार में विदेशी मेहमानों के आने पर बेघर और भिखारी वहां नजर नहीं आएं।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 25 Aug 2023 10:37 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार प्रमुख सड़कों से बेघरों और भिखारियों को पकड़कर रैन बसेरों में भेज रही है, जिसमें कश्मीरी गेट बस अड्डा, राजघाट और हनुमान मंदिर, शांतिवन लालबत्ती जैसे इलाकों पर फोकस बढ़ाया गया है। चांदनी चौक के मुख्य मार्ग से भी बेघरों और भिखारियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
ताकि इस प्रमुख बाजार में विदेशी मेहमानों के आने पर बेघर और भिखारी वहां नजर नहीं आएं। शुक्रवार से यह अभियान और तेज होने जा रहा है। अगले आठ सितंबर तक बीच-बीच में यह कार्रवाई जारी रहेगी। इन लोगों को द्वारका और रोहिणी के रैन बसेरों में भेजा जा रहा है। जहां उन्हें नाश्ता और भोजन दिया जा रहा है।
निगम और पुलिस की टीमें काम कर रहीं
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब), समाज कल्याण विभाग, दिल्ली नगर निगम और पुलिस की टीमें मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दे रही है। इस कार्य में डूसिब के ही 24 कर्मचारी लगाए गए हैं। पिछले तीन माह से अभी तक प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को यह कार्रवाई होती रही है।समितियां करेंगी इनकी देखभाल
वर्षा हो जाने से पिछले बुधवार को यह कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसलिए शुक्रवार को टीम में शामिल कर्मचारियों की संख्या दोगुनी रहेगी। दिव्यांग बेघरों को सरकारी देखभाल केंद्रों में ले जाया जा रहा है और महिला एवं बाल विकास विभाग की समितियां इनकी देखभाल करेंगी।
संबंधित जिले की सरकारी एजेंसियों के साथ डूसिब समन्वय करेगा। डूसिब के अधिकारी के अनुसार, दिल्ली में अभी भी ऐसे बेघरों की संख्या 10 हजार से अधिक है, जो सड़कों पर रहते हैं।
भिखारियों को लेकर कुछ आंकड़े
समाज कल्याण विभाग और मानव विकास संस्थान द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली में 20719 भिखारियों की पहचान हुई है, जिसमें 10,987 पुरुष, 9,541 महिलाएं और 191 ट्रांसजेंडर हैं। इस तरह भिखारियों में से 53 प्रतिशत पुरुष और 46 प्रतिशत महिलाएं हैं। भीख मांगने वालों की सबसे ज्यादा संख्या 2,797 पूर्वी दिल्ली जिले में है।
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