G20 Summit: नई दिल्ली क्षेत्र को छोड़ बाकी होटलों के 30% कमरों में ही मेहमान, राजधानी आने से परहेज कर रहे लोग
जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit in Delhi) के मद्देनजर नई दिल्ली क्षेत्र में स्थित होटल्स वैश्विक सत्ता के अस्थाई निवास बने हुए हैं। पूरे विश्व की निगाहें यहां लगी हुई है। इन प्रतिष्ठित होटलों का स्टाफ आथित्य सेवा में लगा हुआ है लेकिन इन होटलों से थोड़ी दूर स्थित दिल्ली के कई होटल हब के होटल संचालक फिलहाल आराम की मुद्रा में है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit in Delhi) के मद्देनजर नई दिल्ली क्षेत्र में स्थित होटल्स वैश्विक सत्ता के अस्थाई निवास बने हुए हैं। पूरे विश्व की निगाहें यहां लगी हुई है। इन प्रतिष्ठित होटलों का स्टाफ आथित्य सेवा में लगा हुआ है, लेकिन इन होटलों से थोड़ी दूर स्थित दिल्ली के कई होटल हब के होटल संचालक फिलहाल आराम की मुद्रा में है, क्योंकि जी-20 के वृहद और ऐतिहासिक आयोजन के बीच फिलहाल पर्यटन उद्योग सुस्त पड़ा हुआ है।
पहाड़गंज, करोलबाग व महिपालपुर जैसे प्रमुख होटल हब में स्थित 1,200 से अधिक होटलों के बमुश्किल 30 प्रतिशत कमरे ही भरे हुए हैं। इन तीनों होटल हब के होटलों में 20 हजार से अधिक कमरें हैं। इन बजट व मध्यम आकार के होटलों के संचालकों के मुताबिक सुरक्षा कारणों से दिल्ली के कई रास्ते बंद है।
दिल्ली आने से परहेज कर रहे लोग
वहीं, दूसरे राज्यों और विदेश से आने वाले पर्यटकों को यह लग रहा है कि जी-20 के चलते दिल्ली बंद की स्थिति है। इसलिए वे दिल्ली आने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन जी-20 के आयोजन से जिस तरह से राष्ट्रीय राजधानी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार हुआ है, उससे अगले सप्ताह से यहां के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाई मिलने की उम्मीद है।
कितने होटलों में कितने कमरे?
पहाड़गंज में करीब 500 बजट होटल हैं, जिसमें 8,000 से अधिक कमरे हैं। इनमें से बमुश्किल 30 प्रतिशत कमरे ही अभी देसी-विदेशी पर्यटकों से भरे हुए हैं। करोलबाग में 150 से अधिक होटल है, जिसमें कमरों की संख्या 5,000 से अधिक है। वहीं, महिपालपुर के 500 से अधिक होटलों के 7,000 को सुरक्षा कारणों से पुलिस प्रशासन ने बंद कराया हुआ है।
इन होटलों में बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक ठहरते हैं। जयपुर-आगरा का गोल्डन ट्राएंगल का एक अहम पड़ाव दिल्ली है। इसलिए यहां के होटल बराबर गुलजार रहते हैं। फिलहाल ऐसा नहीं है।
होटल महासंघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के अनुसार, दिल्ली में ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। विश्व के बड़े नेता यहां मौजूद है। ऐसे में तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था लाजमी है। ऐसे में आम पर्यटकों ने दिल्ली आने से परहेज ही किया है। हालांकि, उन्हें अगले सप्ताह से दिल्ली का पर्यटन उद्योग में बहार लौटने की उम्मीद है।