G20 Security: विदेशी मेहमानों को विस्फोट से बचाएगा सेना का व्हील बैरो रोबोट, जगह-जगह पता लगा रहा IED
जी-20 शिखर सम्मेलन पर विदेशी मेहमानों की सुरक्षा को लेकर प्रबंधों को लगातार अपडेट किया जा रहा है। इसके तहत भारतीय सेना ने विदेशी मेहमानों को इआईडी (विस्फोटक पदार्थ) से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए है। व्हील बैरो की मदद से भारत आने वाले विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों और अन्य विदेशी मेहमानों के होटल से लेकर रूट व कार्यक्रम स्थल पर विस्फोटक पदार्थ की छानबीन की जा रही है।
दक्षिणी दिल्ली, जागरण संवाददाता। G20 Summit 2023 Security- जी-20 शिखर सम्मेलन में भागीदार बनने के लिए कई राष्ट्राध्यक्ष शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच गए। केन्द्रीय एजेंसियों सहित दिल्ली पुलिस ने इनकी सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा को लेकर प्रबंधों को लगातार अपडेट किया जा रहा है। इसके तहत भारतीय सेना ने विदेशी मेहमानों को इआईडी (विस्फोटक पदार्थ) से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए है।
भारतीय सेना का मानव रहित रिमोट संचालित व्हील बैरो रोबोट इआईडी का पता लगा रहा है। सेना के द्वारा अलग-अलग जगहों पर व्हील बैरो की मदद से इआईडी की चेकिंग की जा रही है। जी-20 सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों की सुरक्षा व्यवस्था में भारतीय सेना अहम भूमिका निभा रही है। इसके तहत सेना विशेष तौर पर सम्मेलन के दौरान विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने के लिए मानव रहित रिमोट संचालित व्हील बैरो रोबोट का इस्तेमाल कर रही है।
व्हील बैरो की मदद से भारत आने वाले विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों और अन्य विदेशी मेहमानों के होटल से लेकर रूट व कार्यक्रम स्थल पर विस्फोटक पदार्थ की छानबीन की जा रही है। सेना ने तीन दिन पहले दिल्ली कैंट क्षेत्र में व्हील बैरो की रिहर्सल भी की थी। इसके तहत सेना ने विस्फोटक पदार्थ को जमीन के अंदर रखकर रोबोट को पता लगाने के लिए छोड़ा था। इस दौरान रोबोट ने विस्फोटक पदार्थ को डिटेक्ट किया।
मानव, सीट और पाइप सहित सभी बमों का पता लगाने में सक्षम
व्हील बैरो रोबोट जमीन के अलावा मानव बम, पाइप बम, सीट बम और ब्रीफकेस बम का पता लगाने में सक्षम है। इसके माध्यम से सेना अलग अलग जगह विस्फोटक पदार्थ को डिटेक्ट करने का प्रयास कर रही है। हालांकि अभी तक ऐसा कोई संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है। जिन होटलों में विदेशी मेहमानों को ठहराया गया है, उसके आसपास के क्षेत्र में विशेष रूप से छानबीन की गई है। इसके अलावा मेहमानों के पूरे रूट को कई बार व्हील बैरो की मदद से डिटेक्ट किया जा रहा है।
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ऐसे काम करता है व्हील बैरो
सेना का जवान रिमोट के माध्यम से व्हील बैरो रोबोट को संचालित करता है। यदि कहीं पर रोबोट विस्फोटक पदार्थ को डिटेक्ट करता है तो उस जगह पर व्यक्तिगत रूप से बम निरोधक दस्ते को भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इससे किसी को जान का खतरा भी नहीं होता है। रिमोट से रोबोट को संचालित कर संबंधित बम को डिफ्यूज कर दिया जाता है।
डाग स्कवाड मिट्ठू और माइक भी खंगाल रहे संदिग्ध वस्तुएं
वहीं, भारतीय सेना की विशेष डाग स्कवाड में शामिल मिट्ठू और माइक को भी जी-20 सम्मेलन की सुरक्षा में लगाया गया है। दोनों कार्यक्रम स्थल और अन्य जगहों पर संदिग्ध वस्तुओं और विस्फोटक पदार्थ की छानबीन कर रहे हैं। दोनों को विशेष परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यह भारतीय सेना के लिए पिछले काफी समय से काम कर रहे हैं। सेना द्वारा इनकी भी रिहर्सल कराई गई है।
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