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G20 Summit: दिल्ली में दिखा प्रतिबंध का खासा असर, आम दिनों के मुकाबले कारोबार में गिरावट

पुरानी दिल्ली के थोक बाजार शुक्रवार को खुले तो रहे। दिल्ली के कई मार्गों पर यातायात प्रतिबंध के चलते खरीदारों ने बाजार आने से परहेज किया। हालांकि आम दिनों के मुकाबले कारोबार बमुश्किल 20 प्रतिशत ही रहा। थोक बाजारों में खरीदार दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से नहीं बल्कि विभिन्न राज्यों से आते हैं जिनमें यह भ्रम है कि दिल्ली के साथ ही यहां के सभी बाजार बंद हैं

By Nimish HemantEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Sat, 09 Sep 2023 12:23 AM (IST)
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दिल्ली में आम दिनों के मुकाबले कारोबार में रही गिरावट

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंध के क्षेत्र से बाहर पुरानी दिल्ली के थोक बाजार शुक्रवार को खुले तो रहे, लेकिन आम दिनों के मुकाबले कारोबार बमुश्किल 20 प्रतिशत ही रहा। दिल्ली के कई मार्गों पर यातायात प्रतिबंध के चलते खरीदारों ने बाजार आने से परहेज किया। यहीं नहीं, दरीबा कलां समेत कई बाजारों में 50 प्रतिशत तक दुकानें भी बंद दिखी।

चांदनी चौक में जो दुकानें खुली थी, उनपर खरीदार न के बराबर होने से शाम ढलते ही वे भी बंद होने लगी और आठ बजे तक अधिकतर बाजारों में सन्नाटा पसर गया। चांदनी चौक, सदर बाजार, खारी बावली, कश्मीरी गेट व चावड़ी बाजार में कमोबेश एक सही तस्वीर थी। नई दिल्ली में प्रतिबंध के दायरे से बाहर के बाजार करोलबाग, गफ्फार मार्केट समेत अन्य बाजारों में भी काफी कम ग्राहक दिखाई पड़े।

लोगों में बाजार को लेकर भ्रम

दुकानदारों के मुताबिक इन थोक बाजारों में खरीदार दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से नहीं बल्कि विभिन्न राज्यों से आते हैं, जिनमें यह भ्रम है कि दिल्ली के साथ ही यहां के सभी बाजार बंद हैं। इसी तरह जिन्हें बाजार खुले होने की भी जानकारी है, लेकिन वह बाजार आने के दौरान सुरक्षा संबंधित किसी परेशानी में आने से बचने के लिए बाजारों का रुख नहीं कर रहे हैं। इसके चलते कई दुकानदार और दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारी भी बाजारों में नहीं आए।

दुकानदारों ने कहा कि रविवार तक पुरानी दिल्ली के बाजारों में यहीं स्थिति रहने वाली है। जब तक कि दिल्ली में जी-20 का सम्मेलन चलेगा। द हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के महासचिव श्रीभगवान बंसल ने कहा कि इन तीन दिनों में व्यवसायिक वाहनों के प्रवेश तथा लोडिंग-अनलोडिंग भी प्रतिबंधित है।

माल की बुकिंग नहीं कर रहे ट्रांसपोर्टर

ट्रांसपोर्टर माल की बुकिंग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में थोक बाजारों का कारोबार प्रभावित होना लाजमी है। वहीं, चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल कहते हैं कि काफी लोग तीन दिन छुट्टी होने की वजह से बाहर घूमने भी चले गए हैं। इसलिए बाजारों में यह स्थिति देखने को मिल रही है।

आल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा के मुताबिक सभी व्यवसायिक वाहनों को बार्डर के पहले ही रोक दिया जा रहा है। इसलिए ट्रांसपोर्टरों द्वारा बाजारों से किसी सामान की बुकिंग भी नहीं कराई जा रही है।

वहीं, प्रतिबंधित क्षेत्र में न होने के बावजूद दरियागंज में स्थित दुकानों को पुलिस प्रशासन ने नहीं खुलने दिया। दरियागंज ट्रेड एसोसिएशन के महासचिव मनीष सेठ ने बताया उनका बाजार प्रतिबंधित क्षेत्र में नहीं है, लेकिन सुबह ही पुलिस प्रशासन का संदेश आ गया था कि दुकानें नहीं खोलनी है। यह इसलिए क्योंकि नजदीक ही राजघाट है, जहां विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को आना है।

प्रतिबंधित बाजारों में दवा की दुकानें भी नहीं खुली रही

प्रतिबंधित क्षेत्र वाले बाजारों जैसे कनाट प्लेस व खान मार्केट के साथ ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। कनाट प्लेस में बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस व अर्द्धसैनिक बल के जवानों के साथ वालंटियर्स की भी तैनाती की गई है। जो हर आने-जाने वालों पर भी नजर रख रहे हैं तथा किसी वाहन को रूकने भी नहीं दे रहे हैं। इन बाजारों में दूसरे सामानों के साथ-साथ दवा जैसी जरूरी सामानों की दुकानें भी बंद थी।

10 तक बंद रहेंगे जामा मस्जिद क्षेत्र के प्रमुख रेस्तरां

प्रतिबंध के चलते ग्राहकों की लगभग ना मौजूदगी के चलते जामा मस्जिद क्षेत्र के प्रमुख रेस्तरां संचालकों ने 10 सितंबर तक अपने रेस्तरां को बंद रखने का निर्णय लिया है। इन रेस्तरां में अल जवाहर, जवाहर, असलम चिकन, हाजी मोहम्मद हुसैन की दुकान समेत अन्य हैं।

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अल जवाहर रेस्तरां के संचालक अकरम कुरैशी ने कहा कि दरियागंज तक के रास्तों पर कड़ा पहरा है। जबकि यहां आने वाले अधिकतर ग्राहक दिल्ली के विभिन्न भागों के साथ ही दूसरे राज्यों से आते हैं। वे प्रतिबंधितों के चलते नहीं आ पा रहे हैं। इसलिए अधिकतर ने रेस्तरां को बंद रखने का निर्णय लिया है।

नई दिल्ली क्षेत्र की सड़कों पर रही सन्नाटे की स्थिति

नई दिल्ली क्षेत्र की सड़कों पर दिनभर सन्नाटे की स्थिति रही। जगह-जगह बैरिकेड्स लगा कर लोगों को रोका जा रहा था। यहां तक की सुरक्षा बल के जवान यात्रा के वैध कारण होेने पर ही यात्रियों को आगे बढ़ने दे रहे थे।

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