Delhi News: बिना आइडी के सिमकार्ड बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो सदस्य गिरफ्तार
ठग उच्च पदस्थ अधिकारियों और व्यक्तियों के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों की तस्वीरों को प्रोफाइल के रूप में उपयोग करते हैं। सरकारी कर्मचारियों व निजी व्यक्तियों के साथ बातचीत करने उनसे पैसे के अनुरोध के साथ विभिन्न बहाने बनाने या उन्हें उपहार वाउचर आनलाइन खरीदने के लिए कहते हैं।
By Pradeep Kumar ChauhanEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 09:01 PM (IST)
नई दिल्ली [राकेश सिंह]। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने सेल्यूलर कंपनियों से फर्जी आइडी पर सिमकार्ड लेकर उसे ठगों व असामाजिक तत्वों को बेचने वाले दो आरोपित को गिरफ्तार किया है। ठगों व असामाजिक तत्वों को ये मोटी रकम लेकर बिना उनसे कोई आइडी लिए बेच देते थे। इनके कब्जे से वोडाफोन व आइडिया के 385 सिमकार्ड जब्त किए गए हैं।
डीसीपी केपी एस मल्होत्रा के मुताबिक गिरफ्तार किए आरोपितों के नाम नितिन तोमर व परमानंद साहू है। उनका कहना है कि बड़े अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों के रूप में नकली वाटस एप आईडी का उपयोग करके ठग उनसे वित्तीय व प्रशासनिक सहायता की मांग करते हैं।
फर्जी संदेश भेजकर पैसे की मांग करने वालों से लोगों से सचेत रहना चाहिए। ठग उच्च पदस्थ अधिकारियों और व्यक्तियों के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों की तस्वीरों को प्रोफाइल के रूप में उपयोग करते हैं। सरकारी कर्मचारियों व निजी व्यक्तियों के साथ बातचीत करने उनसे पैसे के अनुरोध के साथ विभिन्न बहाने बनाने या उन्हें उपहार वाउचर आनलाइन खरीदने के लिए कहते हैं।
सात अप्रैल को एक प्राथमिकी आइटी अधिनियम के तहत साइबर सेल में हुई थी। ठग ने वाटस एप डिस्प्ले प्रोफाइल और उक्त गणमान्य व्यक्ति के नाम का उपयोग करके खुद को वरिष्ठ अधिकारी के रूप में प्रतिरूपित कर खुद को संकट में दिखाकर अमेजन गिफ्ट वाउचर के रूप में आर्थिक मदद की मांगी थी। जांच में ठग द्वारा नाइजीरिया से उन्हें काल कर ठगने की बात का पता चला।
ठग ने अमेज़न गिफ्ट वाउचर को नाइजीरिया से संचालित होने वाले टेलीग्राम, पक्सफूल डाट काम और अन्य इंटरनेट मीडिया समूहों के विभिन्न समूहों पर उपलब्ध कराया था। साइबर सेल की टीम ने छानबीन के बाद आरोपित नितिन तोमर को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया।
उसके पास से फर्जी आईडी से खरीदे गए 42 सिमकार्ड बरामद किए गए। नितिन ने बताया कि वह परमानंद साहू से टेलीग्राम ग्रुप के जरिए सिमकार्ड हासिल करता था। अधिक लाभ कमाने के लिए उसने वेबसाइट के माध्यम से खरीदे गए सिमकार्ड को बुलाशॉप डाट काम के नाम से बेचता था। जिससे बाद में छत्तीसगढ़ के रहने वाले परमानंद साहू को लालकिला के पास से उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह बाजार में सिमकार्ड बेचने दिल्ली आया था।
उसके पास से फर्जी आईडी पर लिए गए 200 सिमकार्ड बरामद किए गए। उसने बताया कि सेवा प्रदाताओं की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए विक्रेताओं से सिमकार्ड खरीदे। उसने एक टेलीग्राम ग्रुप से फर्जी आईडी हासिल की और उसे सेल्समैन को सप्लाई किया। सेल्समैन ने इन फर्जी आईडी पर सिमकार्ड जारी किए और 30 रुपये प्रत्येक सिमकोर्ड की दर से सिमकार्ड प्रदान किए।आरोपित उक्त सिम को वेंडर्स से एक्टिवेट करवाता था और फिर इन प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड्स को एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिए अलग-अलग खरीदारों को बेच देता था। जांच के दौरान 143 और सिमकार्ड बरामद किए गए। दिलली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अज्ञात वाटस एप संदेशों का जवाब न दें। पैसे व एहसान मांगने संबंधी इंटर मीडिया और वाटस एप पर भेजे गए संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। ओटीपी, सीवीवी, पिन अज्ञात या बैंक कर्मचारियों को फोन पर साझा न करें। अज्ञात द्वारा पूछे गए क्यूआर कोड को स्कैन न करें।
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