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67 लाख के मोबाइल चुराने वाले गैंग को भारी पड़ी एक गलती, पुलिस को ऐसे करते थे गुमराह

आरोपियों ने यूपी व हरियाणा के कई जिलों में कुछ मोबाइल फेंक कर पुलिस को डेढ़ महीने तक गुमराह किया। लेकिन वारदात से पहले चालक के मोबाइल से की गई एक कॉल ने उनके पूरे प्लान पर पानी फेर दिया।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 11:04 AM (IST)
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67 लाख के मोबाइल चुराने वाले गैंग को भारी पड़ी एक गलती, पुलिस को ऐसे करते थे गुमराह
नोएडा [जेएनएन]। फेस-2 स्थित सैमसंग कंपनी से करोड़ों रुपये के स्मार्ट फोन को गायब करने के लिये आरोपितों ने वारदात से दो माह पहले प्लान बनाया था। गैंग का सरगना परमा उर्फ परमजीत ने दोस्त सूरज का पहले फर्जी नाम व पते से आधार कार्ड और डीएल बनवाया। इसके बाद सैमसंग मोबाइल को वेयर हाउस तक पहुंचाने वाली न्यू राजधानी ट्रांसपोर्ट कंपनी में उसे चालक की नौकरी दिलवा दी। 18 जून को योजना के तहत आरोपियों ने सेक्टर 88 में कैंटर में लदे करीब 67 लाख के मोबाइल अल्टो कार में भरे और फरार हो गए।

आरोपियों ने यूपी व हरियाणा के कई जिलों में कुछ मोबाइल फेंक कर पुलिस को डेढ़ महीने तक गुमराह किया। लेकिन वारदात से पहले चालक के मोबाइल से की गई एक कॉल ने उनके पूरे प्लान पर पानी फेर दिया। कोतवाली फेस-2 पुलिस ने चार आरोपियों को अलीगढ़ से दबोच लिया। इनकी पहचान सूरज उर्फ श्यामू निवासी फिरोजाबाद, योगेंद्र, मोहन और शिव कुमार निवासी अलीगढ़ के रूप में हुई है, जबकि फरीदाबाद के रहने वाले भाई परमा उर्फ परमजीत व पप्पी और अलीगढ़ निवासी रणवीर फरार हैं।

गलती से कर दी थी अपने दोस्त को कॉल

पुलिस का कहना है कि परमा उर्फ परमजीत को पता था कि सैमसंग कंपनी से रोजाना करोड़ों रुपये के मोबाइल वेयर हाउस पहुंचाए जाते हैं। सूरज ने फर्जी आइडी से सिम लिया था। यही नंबर ट्रांसपोर्ट कंपनी के पास था। इस नंबर पर सिर्फ कंपनी में फोन करता था। लेकिन गलती से आरोपी ने अलीगढ़ में रहने वाले अपने एक दोस्त को कॉल कर दी थी। जांच के दौरान आरोपी के सभी पते फर्जी मिले। डेढ़ महीने तक पुलिस तलाश में जुटी रही। आखिर में चालक के नंबर का डम्प डेटा निकाला गया। इसमें एक नंबर संदिग्ध मिला। पुलिस ने उससे चालक की फोटो दिखाकर पूछताछ की, तो उसने पहचान कर ली।

किराये पर मकान लेकर रह रहे थे आरोपी

पुलिस ने बताया कि आरोपित चोरी के मोबाइलों को ठिकाने लगाने की फिराक में थे। लेकिन वह मामले को ठंडा होने तक का इंतजार कर रहे थे। इसलिये उन्होंने अलीगढ़ में एक कमरा किराए पर लिया और मोबाइल कमरे में छिपा दिए। कमरे से पुलिस को 217 मोबाइल, 3 टेबलेट, 120 इयर फोन, 153 मोबाइल चार्जर, 137 मोबाइल कवर, 100 मोबाइल चार्जर बरामद हुए हैं।

दो माह पहले बनाया था प्लान 

एसपी सिटी नोएडा अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सैमसंग कंपनी से करोड़ों रुपये कीमत के मोबाइल गायब करने के लिये आरोपियों ने दो माह पहले प्लान बनाया था। प्लान के तहत फर्जी नाम व पते पर चालक ने आइडी, आधार कार्ड व डीएल बनवा कर नौकरी हासिल की और अपने सात साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जबकि तीन अभी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। 

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