खुलासाः बिहार-यूपी के गैंगस्टरों की शरणस्थली बना दिल्ली से सजा गुरुग्राम
गुरुग्राम में सभी प्रदेशों के काफी संख्या में लोग रहते हैं। इसका फायदा बदमाश उठाते हैं।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। पूरी दुनिया में औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध गुरुग्राम बिहार-यूपी के गैंगस्टरों की शरणस्थली बनता जा रहा है। लगभग दो महीने के अंतराल पर दो कुख्यात गैंगस्टरों का गुरुग्राम इलाके से पकड़ा जाना यही दर्शाता है। दोनों कई दिनों से गुरुग्राम में रह रहे थे। दोनों के पीछे वहां की पुलिस लगी हुई थी।
इससे पहले यूपी मूल के भी कई बदमाश गुरुग्राम इलाके से गिरफ्तार किए जा चुके हैं। काफी बदमाश वारदात को अंजाम देने के लिए यहां रुकते हैं और अंजाम देने के साथ ही फरार हो जाते हैं। गुरुग्राम का बदमाशों की शरणस्थली बनने के पीछे किरायेदारों का पुलिस वेरिफिकेशन न होना मुख्य वजह माना जाता है।
लगभग दो महीने पहले बिहार एवं झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अखिलेश सिंह सेक्टर 29 इलाके से दबोचा गया था। वह कई दिनों से अपनी पत्नी के साथ गुरुग्राम में रह रहा था। पूछताछ में बात सामने आई कि वह पहले भी वारदात को अंजाम देने के बाद गुरुग्राम में आकर छिप चुका है।
शनिवार देर रात बिहार के कुख्यात गैंगस्टर राम सिंह उर्फ विजय सिंह की गिरफ्तारी ने इस बात पर लगभग मुहर लगा दी है कि गुरुग्राम में आकर छिपना आसान है। राम सिंह को गुरुग्राम पुलिस तलाश नहीं रही थी बल्कि वह संयोग से हत्थे चढ़ गया।
वह पिछले डेढ़ महीने से गुरुग्राम के विभिन्न इलाकों में अपने जानकारों के पास रह रहा था। शनिवार रात भी वह जगह बदलने जा रहा था। उसी दौरान गुरुग्राम पुलिस की एंटी व्हीकल थेफ्ट स्टाफ की टीम के हत्थे चढ़ गया।
राम सिंह गैंग के पास तीन से चार एके-47
बिहार के मोतिहारी जिले में राम सिंह के गैंग का खौफ बताया जाता है। इसके गैंग में तीन से चार एके-47 हैं। एक एके-47 बरामद हो चुका है। तीन की तलाश पुलिस कर रही है। इसी साल गैंग ने पुलिस टीम पर हमला किया था। उसमें एके-47 का इस्तेमाल किया गया था।
यही नहीं एक स्कूल परिसर में भी एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। इसके अलावा भी कई बार गैंग ने एके-47 का इस्तेमाल किया है।
मोतिहारी पुलिस के अधिकारी विनय सिंह कहते हैं कि राम सिंह व उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। दो-तीन महीने से राम सिंह की तलाश की जा रही थी।
गुरुग्राम में सभी प्रदेशों के काफी संख्या में लोग रहते हैं। इसका फायदा बदमाश उठाते हैं। एनसीआर में जहां-जहां उनके जानकार हैं, उनके पास कुछ-कुछ दिन करके रुक जाते हैं। काफी संख्या में होटल एवं गेस्ट हाउस हैं, उनमें पहचान बदलकर रहने लगते हैं।
गुरुग्राम के एसीपी क्राइम रणबीर सिंह का कहना है कि इसके लिए किरायेदारों की पुलिस वेरिफिकेशन के ऊपर जोर दिया जा रहा है। होटलों का रिकार्ड भी समय-समय पर देखा जाता है। बदमाश कहीं भी एक से दो दिन नहीं रुकते, इस वजह से कई बार उनके बारे में जानकारी जल्द सामने नहीं आ पाती है।