Delhi Pollution: दिल्ली की हवा को जहरीला बनाने में एक ये भी है अहम कारण, सांस लेने लायक नहीं है वायु
पराली के धुएं का असर खत्म होने के बाद भी दिल्ली की आबोहवा सांस लेने लायक नहीं है। दिल्ली के प्रदूषण में वाहन अहम भूमिका तो निभा ही रहे हैं। इस बीच आर-आसमान पोर्टल के अनुसार पिछले तीन दिनों से राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषण कूड़े का धुआं भी अहम कारक बन रहा है। इससे स्पष्ट है कि तमाम सख्तियों के बावजूद गैर कानूनी ढंग से कूड़ा जलाए जा रहे हैं।
By Ranbijay Kumar SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 03 Dec 2023 12:27 AM (IST)
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। पराली के धुएं का असर खत्म होने के बाद भी दिल्ली की आबोहवा सांस लेने लायक नहीं है। दिल्ली के प्रदूषण में वाहन अहम भूमिका तो निभा ही रहे हैं। इस बीच आर-आसमान पोर्टल के अनुसार पिछले तीन दिनों से राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषण कूड़े का धुआं भी अहम कारक बन रहा है। इससे स्पष्ट है कि तमाम सख्तियों के बावजूद गैर कानूनी ढंग से कूड़ा जलाए जा रहे हैं।
आर-आसमान पोर्टल के अनुसार, एक दिसंबर को दिल्ली के प्रदूषण में एमएसडब्ल्यू (म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट) जलने के कारण निकलने वाले धुएं की भागीदारी 15 प्रतिशत रही थी। इसके बाद शनिवार को इसकी भागीदारी आठ प्रतिशत रही। सुबह छह बजे वातावरण में पीएम 2.5 के स्तर में कूड़े के धुएं की भागीदारी 38 प्रतिशत तक पहुंच गई।
सुबह ज्यादा होती हैं ऐसी घटनाएं
सुबह दस बजे भी प्रदूषण में कूड़े के धुएं की भागीदारी 35 प्रतिशत रही। आंकड़े इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि सुबह छह बजे से दिन में 11 बजे के बीच कूड़ा जलाने की घटनाएं अधिक होती है। लिहाजा, इस दौरान प्रदूषण में धुएं की भागीदारी सबसे ज्यादा रही।दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक इसका असर नहीं रहा। सुबह के दौरान प्रदूषण अधिक होता है। ऐसे में कूड़ा जलने की घटनाएं भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा रही हैं।
कूड़ा जलाना गैर कानूनी भी है। खुली जगह में कूड़ा लगाने पर 500 रुपये से 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है। दिल्ली नगर निगम ने दो से 27 नवंबर के बीच खुले में कूड़ा, अंगिठी, लकड़ी इत्यादि जलाने के आरोप में 472 चालन किए हैं।
दिल्ली में पिछले तीन दिन में प्रदूषण के तीन प्रमुख स्रोतों की भागीदारी
तारीख वाहन बायोमास कूड़े का घुआं
02 दिसंबर 54 29 801 दिसंबर 42 32 1530 नवंबर 35 42 7
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