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जापानी तकनीक से विकसित हो रही गाजीपुर लैंडफिल साइट, सुंदर चित्रकारी से स्वच्छता का संदेश

पूर्वी दिल्ली के मुख्य अभियंता ने बताया कि शहर में स्वच्छता को बढ़ावा देने और स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में बेहतर रैंक लाने के लिए नगर निगम कड़ी मेहनत कर रहा है। इसी कड़ी में स्वच्छता को लेकर लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने की भी कोशिश की जा रही है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:00 AM (IST)
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जापानी तकनीक से हरित क्षेत्र के तौर पर विकसित हो रही गाजीपुर लैंडफिल साइट
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कूड़े के पहाड़ की ओर जाने से पहले अब सुंदर चित्रकारी आपको स्वच्छता का संदेश देगी। जितनी तेजी से गाजीपुर स्थित कूड़े के पहाड़ को साफ करने की कवायद तेज हो गई है। उतनी ही तेजी से सुंदर सुंदर संदेशपरक चित्रों के माध्यम से साइट के सुंदरीकरण का काम भी हो रहा है। गाजीपुर से गुजरते हुए जहां कूड़े की बदबू से लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है। वहीं, अब कूड़े के पहाड़ के प्रवेश द्वार पर सुंदर चित्रकारी लोगों को आकर्षित करेगी। यह चित्रकारी लैंडफिल साइट की शोभा बढ़ा रही है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम गाजीपुर लैंडफिल साइट से सटे क्षेत्र को जापानी तकनीक से हरित क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने स्वच्छता का संदेश देने के लिए गाजीपुर लैंडफिल साइट के पास दीवार का सुंदरीकरण किया है। लैंडफिल साइट के पास स्थित निगम कार्यालय के भवन पर विभिन्न चित्रों के माध्यम से स्वच्छता संदेशों को उकेरा गया है। इन संदेशों में जहां लोगों से पौधे लगाने, कूड़ा कूड़ेदान में ही डालने, स्रोत पर ही कूड़े का पृथकीकरण करने और प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने की अपील की गई है। वहीं, स्वच्छ दिल्ली का संदेश देते हुए इंडिया गेट व प्रकृति के सुंदर चित्र भी दीवार पर उकेरे गए हैं। इन चित्रों में कला का बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया गया है।

पूर्वी दिल्ली के मुख्य अभियंता प्रदीप खंडेलवाल ने बताया कि शहर में स्वच्छता को बढ़ावा देने और स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में बेहतर रैंक लाने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम कड़ी मेहनत कर रहा है। इसी कड़ी में निगम द्वारा स्वच्छता को लेकर लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने की भी कोशिश की जा रही है। लोगों से प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने की भी अपील की जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे आसपास का प्रदूषण कम होगा और क्षेत्र का सौंदर्यीकरण भी होगा। इस तकनीक की मदद से खास किस्म के पौधों का विकास सामान्य पौधों की तुलना में जल्दी होता है और क्षेत्र हरा भरा होता है।

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