Gaurav Taneja Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने मीडिया को लगाई फटकार, कहा- खुद को रेगुलेट करना चाहिए
Gaurav Taneja Case कोर्ट ने बच्चों को प्रचार का शिकार नहीं बनने पर जोर दिया। कोर्ट ने कहा कि आप कुछ भी कह सकते हैं लेकिन उसके परिवार को मामले में न घसीटें। इससे बच्चा मानसिक रूप से विक्षिप्त हो सकता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को गौरव तनेजा (Gaurav Taneja) के बच्चे पर की गई आलोचनात्मक टिप्पणी के खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मीडिया को खुद को रेगुलेट करना चाहिए। साथ ही निष्पक्ष और न्यायसंगत रहते हुए आलोचना करनी चाहिए। दरअसल, कोर्ट यूट्यूबर, ब्लॉगर गौरव तनेजा के बच्चे को मामले में घसीटने की आलोचनात्मक आर्टिकल पर एक याचिका दाखिल की गई थी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोशल मीडिया ब्लॉगर गौरव तनेजा के बच्चे का जिक्र करते हुए समाचार पत्र पर अपनी नाखुशी व्यक्त की। कोर्ट ने बच्चों को प्रचार का शिकार नहीं बनने पर जोर दिया। कोर्ट ने कहा कि आप कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन उसके परिवार को मामले में न घसीटें। इससे बच्चा मानसिक रूप से विक्षिप्त हो सकता है।
आपत्तिजनक आर्टिकल हाटने के दिए निर्देश
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि कोर्ट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को पूरी तरह से समझता है, लेकिन यह सेल्फ रेगुलेशन है। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश का भी हवाला दिया। उदाहरण देते हुए कहा कि जब भी कोई अदालत कोई आदेश पारित करती है तो आलोचना आदेश की होनी चाहिए न कि न्यायाधीशों की।
कोर्ट ने कहा कि हमें बताया जाता है कि हमारे बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। हाईकोर्ट अखबार द्वारा एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें आपत्तिजनक लेख को हटाने का निर्देश दिया गया था।
केंद्र सरकार बना रही कानून
बता दें कि केंद्र सरकार ने 'प्रेस और पत्रिका के पंजीकरण विधेयक, 2019 को एक नया रूप दिया है। केंद्र सरकार अब जिस विधेयक को लाने की तैयारी कर रही है, उसके दायरे में पहली बार डिजिटल समाचार मीडिया इंडस्ट्री को शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब सभी डिजिटल मीडिया पोर्टल और वेबसाइट को अपना पंजीकरण करवाना होगा।