Geetika Sharma: 17 साल की उम्र में एयर होस्टेस बन गई थी गीतिका, पढ़िए कम समय में मिली सफलता की पूरी कहानी
गीतिका नौकरी छोड़ 2010 में एमिरेट्स में शामिल हो गई। कुछ समय बाद वह वापस दुबई से घर लौट आई। आरोपपत्र के अनुसार जनवरी 2011 में कांडा ने शर्मा के साथ संबंध सुधारे और वह निदेशक के रूप में उनकी कंपनी में फिर शामिल हो गईं। बारह महीने बाद उसने कांडा से जुड़ी एक शैक्षिक सोसायटी का अध्यक्ष नियुक्त होने के लिए एमडीएलआर से फिर से इस्तीफा दे दिया था।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 26 Jul 2023 06:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्लीः सितंबर 2006 में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली गीतिका शर्मा जो उस समय 17 वर्ष की भी नहीं थी, एमडीएलआर एयरलाइंस में एयरहोस्टेस के पद के लिए साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुई थी। कंपनी के बास गोपाल गोयल कांडा के साथ मीटिंग होते ही उसे केबिन क्रू के रूप में नियुक्त कर लिया गया था। वह काफी तेजी से आगे बढ़ी।
सीधे कांडा को करती थी रिपोर्ट
दो साल के भीतर वह सीधे कांडा को रिपोर्ट करने वाले वरिष्ठ प्रबंधन पद पर पहुंच गई थी। पुलिस जांच से पता चला था कि एयरलाइंस में शामिल होने के 16 महीने के भीतर उसका वेतन दोगुना हो गया था। मार्च 2009 में एमडीएलआर समूह के "समन्वयक" के रूप में उसे पदोन्नत कर दिया गया।
एमडीएलआर के बंद हो जाने पर गीतिका को कंपनी के स्वामित्व वाले कैसीनो मिंट के संचालन को संभालने के लिए गोवा भेज दिया गया था। गोवा का सबसे बड़ा कैसीनो कांडा का ही है। वहां उनकी दो महिलाओं, अंकिता सिंह और नुपुर मेहता से अनबन हो गई, जो उनसे पहले कैसीनो का प्रबंधन कर रही थीं। गुस्से में शर्मा ने उनके खिलाफ उनका फोन और लैपटाप चोरी करने का मुकदमा दर्ज करा दिया था।
नौकरी छोड़ 2010 में एमिरेट्स में शामिल हो गई।
उसके बाद गीतिका नौकरी छोड़ 2010 में एमिरेट्स में शामिल हो गई। कुछ ही समय बाद वह वापस दुबई से घर लौट आई। आरोपपत्र के अनुसार जनवरी 2011 में कांडा ने शर्मा के साथ संबंध सुधारे और वह निदेशक के रूप में उनकी कंपनी में फिर शामिल हो गईं। बारह महीने बाद उसने कांडा से जुड़ी एक शैक्षिक सोसायटी का अध्यक्ष नियुक्त होने के लिए एमडीएलआर से फिर से इस्तीफा दे दिया था।
जिसके महीनों बाद शर्मा ने अशोक विहार स्थित अपने घर में खुदकुशी कर ली थी। घर से बरामद एक काले रंग की सर्पिल डायरी में दो पेज का "सुसाइड नोट" था, जिसे जाहिर तौर पर शर्मा ने लिखा था, जिसमें कांडा और उसकी सहयोगी अरुणा चड्ढा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
शर्मा का परिवार खुशहाल परिवार था। पिता, दिनेश, एक प्रिंटिंग व्यवसाय चलाते थे जबकि मां एक मंत्रालय में नौकरी करतही थीं। उसका भाई फैशन डिजाइन का छात्र था। स्वजन का कहना है कि जब गीतिका एमडीएलआर में शामिल हुई तो शुरुआत में चीजें ठीक थीं।
एक महंगी कंपनी की कार और आकर्षक वेतन के साथ विदेशी दौरे, ये वो सब थे जिनकी एक महत्वाकांक्षी युवा लड़की उम्मीद कर सकती थी। लेकिन यह झंझट भरा जीवन अधिक समय तक नहीं चल सका और जल्द ही वह जो कर रही थी उससे चिढ़ने लगी अपनी जान गंवा ली।
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