Ghaziabad Name Change: 'गाजियाबाद नाम गुलामी की निशानी...', क्या आप जानते हैं पहले क्या था जिले का नाम?
गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ हरनंदीपुरम दूधेश्वरनाथ नगर या परशुराम नगर करने की मांग को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल ने डीएम से मिलकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन में नाम बदलने की मांग के साथ ही अभियान चलाकर एक लाख हस्ताक्षर युक्त पत्र भी शासन को प्रेषित करने के लिए प्रशासन को सौंपे। अब प्रशासन की मंजूरी के बाद जिले का नाम बदल जाएगा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। इंद्रप्रस्थ (वर्तमान में दिल्ली) के करीब होने के कारण गाजियाबाद को पहले गजप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, यहां पर बड़ी संख्या में हाथी रहते थे, लेकिन वक्त के साथ हालात बदले और गाजीउद्दीन के नाम पर जिले का नाम गाजियाबाद कर दिया गया। जो गुलामी की निशानी है, देश की आजादी के बाद यह नाम भी बदला जाना चाहिए था।
यह बातें श्री दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर के महंत नारायण गिरि ने दैनिक जागरण से बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि 2022 में उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई थी। गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ, हरनंदीपुरम, दूधेश्वर नाथ नगर करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने इसका आश्वासन दिया था।
हरनंदीपुरम, गजप्रस्थ, दूधेश्वरनाथ नगर या परशुराम नगर?
गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ, हरनंदीपुरम, दूधेश्वरनाथ नगर या परशुराम नगर करने की मांग को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल ने डीएम से मिलकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया।ज्ञापन में नाम बदलने की मांग के साथ ही अभियान चलाकर एक लाख हस्ताक्षर युक्त पत्र भी शासन को प्रेषित करने के लिए प्रशासन को सौंपे। अभियान के संयोजक संदीप त्यागी रसम ने बताया कि नंदग्राम स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष एक लाख हस्ताक्षर करने के लक्ष्य के साथ अगस्त 2023 से अभियान आरंभ किया गया था।
नाम गजप्रस्थ किए जाने के समर्थन में हस्ताक्षर किए गए हैं। 152 संगठनों की ओर से ज्ञापन, नुक्कड़ बैठक और टोल फ्री मिस्ड काल पर समर्थन के साथ 100 हवन कराए गए। इस संबंध में वर्ष 2018 को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया था।
इसमें भाजपा संगठन के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने भी इस अभियान का समर्थन किया। उन्होंने जनता की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री से गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ, दूधेश्वरनाथ नगर, परशुराम नगर और हरनंदी पुरम किए जाने की मांग की है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।