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चंद्रयान मिशन ही नहीं प्रज्ञान रोवर की तकनीक बदल रही लोगों की जिंदगी, ठीक किए आयशा के टेढ़े पैर

प्रज्ञान रोवर की तकनीक लोगों की जिंदगी बदलने में भी मददगार साबित हो रही है। ताजा मामले में इस तकनीकी से टेढ़े पैरों की परेशानी से जूझ रही किशोरी का सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक इलाज किया है। इससे उसकी उंचाई भी 2 इंच बढ़ गई। इस तकनीक का इस्तेमाल चंद्रयान प्रज्ञान रोवर (छह लैग्स) में भी किया गया था।

By uday jagtap Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 13 Jun 2024 11:55 AM (IST)
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सर्जरी से किशोरी आयशा के टेढ़े पैरों की समस्या ठीक की गई। सौ. अस्पताल
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। टेढ़े पैरों की परेशानी से जूझ रही किशोरी का सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक उपचार किया है। किशोरी के टेढ़े पैर (क्रूक्ड लैग्स) सही करने के लिए सिक्स एक्सिस करेक्शन एंड कंप्यूटर साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया।

यह एक हेक्सापाड है जिसमें छह पैर होते हैं, यह किसी भी दिशा में गति कर सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल चंद्रयान प्रज्ञान रोवर (छह लैग्स) में भी किया गया था। गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर डीफार्मिटी करेक्शन सर्जन डॉ. मनीश धवन ने बताया कि क्रूक्ड लैग्स की परेशानी आनुवंशिकी या विकास की खामियों की वजह से होती है।

कभी-कभी ये स्केलेटल सिस्टम के स्वाभाविक आकार की वजह से ऐसी दिखती हैं, तो कभी-कभी किसी बीमारी का संकेत भी हो सकती हैं। इसके के इलाज के लिए सर्जिकल तकनीक उपलब्ध है, सर गंगा राम अस्पताल की ऑर्थोपेडिक टीम ने इसे शुरू किया है।

रोबोटिक साफ्टवेयर टेक्नोलाजी का किया गया इस्तेमाल

उन्हांने बताया कि हिमाचल प्रदेश की एक किशोरी आयशा भी इससे पीड़ित थी। उनके परिवार ने आयशा का उत्तर भारत के कई अस्पतालों में उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में उन्हें गंगाराम अस्पताल लाया गया। यहां आयशा के इलाज के लिए रोबोटिक साफ्टवेयर टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया गया।

मिशन चंद्रयान में इस्तेमाल की गई इस तकनीक और सिक्स एक्सिस करेक्शन साफ्टवेयर में कम्प्यूटर-एडेड- डिजाइन और सिमुलेशन की क्षमता का इस्तेमाल किया जाता है। इन टूल्स ने आयशा के पैरों की विरूपता को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसकी उंचाई भी 2 इंच बढ़ गई।

आयशा की बहादुरी, उसके स्वजनके सहयोग इसे सफल बनाया जा सका। सीनियर कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक्स, सर गंगा राम अस्पताल डॉ. ब्रजेश नंदन ने कहा कि अस्पताल डिफार्मिटी के 100 से अधिक मरीजों का इलाज कर चुका है।

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