अंकित मर्डर: प्रेम से नहीं मुक्त हो पाई प्रेमिका, पुलिस को दिया हत्यारों को सुराग
वह अंकित की हत्या से इस तरह आहत है कि उसने अपने ही परिजनों के छिपे होने का ठिकाना पुलिस को बता दिया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। प्रेम प्रसंग के कारण जिस युवती के माता-पिता व परिजनों ने मिलकर अंकित सक्सेना की बेरहमी से हत्या की, उसी युवती ने आरोपियों को पकड़वाने में पुलिस की मदद की। हत्या के बाद पुलिस को जब युवती के बारे में पता चला तब पुलिस ने उससे संपर्क किया। वह अंकित की हत्या से इस तरह आहत है कि उसने अपने ही परिजनों के छिपे होने का ठिकाना पुलिस को बता दिया।
पुलिस ने युवती से किया संपर्क
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पहले पुलिस ने आरोपियों को अपनी ओर से पकड़ने की पूरी कोशिश की। आनंद विहार रेलवे टर्मिनल, बस अड्डा व कश्मीरी गेट बस अड्डा से लेकर ख्याला के तमाम इलाकों में खोजने के बाद भी जब पुलिस को कामयाबी नहीं मिली तब पुलिस ने युवती से संपर्क किया और उससे यह जानना चाहा कि आखिर वे कौन-कौन से ठिकाने हैं जहां आरोपी मिल सकते हैं। इसके बाद युवती ने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी।
रिश्तेदारों ने नहीं की मदद
पुलिस सूत्रों का कहना है कि युवती के अलावा आरोपियों के किसी रिश्तेदार ने उनकी मदद नहीं की। केवल युवती ही थी, जिसने पुलिस को पूरा सहयोग किया। इस जानकारी के आधार पर ही पुलिस ने आरोपियों को रोहिणी इलाके से पकड़ा था।
कई के पांव पकड़े, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा
अंकित के पिता ने बताया कि अंकित व युवती के बीच प्रेम था या नहीं, यह बात उन्हें नहीं पता। अंकित ने कभी भी इस बात का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि बेटे की हत्या का मंजर अभी भी मेरी आंखो के सामने वैसे ही घूम रहा है। युवती के माता-पिता, भाई व मामा अंकित को बेरहमी से पीट रहे थे। अंकित बार-बार मदद के लिए गुहार लगा रहा था। उस दौरान करीब 1500 लोग वहां खड़े थे। सभी मेरे बेटे को पिटते देख रहे थे। मैंने खुद कई लोगों से मदद की गुहार लगाई। कई के पांव पकड़े, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।
बेटे से लिपट गई मां
पिता कहते हैं कि इस पत्थर दिल नगरी में जब युवती के पिता ने चाकू निकाला तो लगा कि अब कुछ लोग मदद को आगे आएंगे। लेकिन कोई नहीं आया और देखते ही देखते दो सेकेंड में मेरे बेटे का गला रेत दिया। उन्होंने कहा कि अंकित के नीचे गिरते ही उसकी मां कमलेश उससे लिपट गई। उसने अपनी चुन्नी से अंकित के गले से निकल रहे खून को बंद करना चाहा। लेकिन जैसे ही उसने गले पर हाथ डाला उसकी अंगुलियां गले में हुए घाव के अंदर चली गईं। मैं भी उसे उठाने की कोशिश करने लगा। तभी रिक्शा बुलाया और अस्पताल ले गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस दौरान भी कोई आगे बढ़कर नहीं आया।
आरोपियों को फांसी की सजा मिले
अंकित के पिता ने कहा कि घटना याद आते ही पूरी तरह जम जाता हूं। उस खौफनाक मंजर ने मेरे दिल पर ऐसे घाव दिए है, जिसका सामना उम्र भर करना है। मेरी सिर्फ एक ही ख्वाहिश है कि आरोपियों को फांसी की सजा मिले। उन्होंने कहा कि मैं इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान करता था। दिल की बीमारी होने के बाद अंकित ने कहा कि आप घर बैठिए। आपके रहन-सहन की जिम्मेदारी मैं उठाऊंगा। अब बाकी की जिंदगी कैसे कटेगी, सोचते ही सिहर उठता हूं।
पीड़ित परिवार से मिले सीएम केजरीवाल
गौरतलब है कि अंकित की हत्या के पांच दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को परिजनों से मिलने रघुबीर नगर पहुंचे। उन्होंने अंकित के परिजनों को ढांढस बंधाया और इस घटना पर शोक जताया। सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर तरह से कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगी। जब अंकित की मां की तबीयत ठीक नहीं होने की बात सामने आई तो उन्होंने कहा कि उनका बेहतर इलाज सरकार कराएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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