गर्मी में काम की खबर: AC से निकलकर सीधे धूप में जाना हो सकता है जानलेवा, जरूर पढ़ें डॉक्टर की सलाह
राजधानी में कुछ इलाकों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। ऐसे में हीट स्ट्रोक का खतरा बड़ गया है। अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से पीड़ित होकर तेज बुखार के साथ मरीज पहुंच रहे हैं और पिछले दो-तीन दिनों से डिहाइड्रेशन व हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ गए हैं। ऐसे में डॉक्टर कहते हैं कि लू में थोड़ी सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़त सकती है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में कुछ इलाकों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। ऐसे में हीट स्ट्रोक का खतरा बड़ गया है। अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से पीड़ित होकर तेज बुखार के साथ मरीज पहुंच रहे हैं और पिछले दो-तीन दिनों से डिहाइड्रेशन व हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ गए हैं। ऐसे में डॉक्टर कहते हैं कि लू में थोड़ी सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़त सकती है। एसी से निकलकर तुरंत लू में जाना जानलेवा भी साबित हो सकता है। लिहाजा, लोग सतर्क रहें और अधिक देर तक धूप में रहने से बचें।
एम्स के मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने बताया कि शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहता है। मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस के में मौजूद थर्मो रेगुलेटरी सेंटर शरीर का तापमान नियंत्रित करता है।
लू में रहने से शरीर में पानी-नमक की हो जाती है कमी
वातावरण का तापमान शरीर के तापमान से अधिक होने पर शरीर से पसीना निकलता है, जो इससे शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करता है। लेकिन अधिक देर तक लगातार लू में रहने के कारण लंबे समय तक पसीना अधिक निकलने से शरीर में नमक व पानी की कमी होने लगती है। इस वजह से शरीर का थर्मो रेगुलेटरी सेंटर शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं कर पाता।लू से होने लगती हैं ये परेशानियां
ऐसी स्थिति में पर्याप्त पानी व तरल पदार्थ नहीं लेने पर डिहाइड्रेशन शुरू हो जाता है। लू से हीट इग्जर्शन, सांस व हृदय रोग की परेशानी बढ़ सकती है। हीट इग्जर्शन होने पर बहुत कमजोरी, थकान, चक्कर आना, सिर दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन इत्यादि समस्या होती है।
बेहोश और तेज बुखार भी हो सकता है
हीट स्ट्रोक होने पर बेहोशी, तेज बुखार, पसीना नहीं आने की समस्या होती है। समय पर इलाज नहीं मिलने पर यह जानलेवा हो सकता है। क्योंकि यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के खराब होने का खतरा रहता है।एक दम से तापमान में आता है अंतर
उन्होंने बताया कि एसी चलाने पर कमरे का तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस होता है। बाहर का तापमान 45 डिग्री से ज्यादा रह रहा है। ऐसे में कमरे व बाहर के तापमान में करीब 23 डिग्री सेल्सियस का अंतर होता है। ऐसी स्थिति में ठंड से अचानक बहुत गर्म स्थान पर जाने और देर तक धूप में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बाहर जाने से पहले करें ये काम
इससे हाइपरटेंशन के मरीजों का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है। इसलिए बुजुर्ग, ब्लड प्रेशर के मरीजों को खतरा अधिक होता है। इसलिए बाहर जाने से पहले एसी को कुछ देर के लिए बंद कर देना चाहिए। कमरे का तापमान सामान्य होने के बाद बाहर निकलना चाहिए।डिहाइड्रेशन से खून गाढ़ा होने का खतरा
एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एमवी पद्मा ने कहा कि लू लगने पर डिहाइड्रेशन होता है। डिहाइड्रेशन से खून गाढ़ा होने का खतरा रहता है। इससे मस्तिष्क की नसों में ब्लड थक्का होने से हेमोरेजिक स्ट्रोक का खतरा रहता है।बढ़ रहे मरीज
आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं कि कई स्ट्रोक के मरीज भी 104 डिग्री बुखार के साथ इमरजेंसी में पहुंचे हैं। लोकनायक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की प्रभारी डॉ. रितु सक्सेना ने बताया कि अभी लू के कारण उल्टी दस्त की समस्या लेकर बहुत मरीज पहुंच रहे हैं। पिछले तीन दिनों से हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ गए हैं। एक दिन पहले दस मरीज पहुंचे थे। मंगलवार को भी शाम तक सात मरीज पहुंचे थे। बाहर धूम में काम करने वाले लोगों को लू लगने का खतरा अधिक है।हीट स्ट्रोक के लक्षण
- पसीना नहीं आना।
- उल्टी, दस्त।
- हृदय गति बढ़ना।
- बेहोश होना।
- सिर में दर्द।
- तेज बुखार।
- मांसपेशियों में ऐंठन।
बचाव के उपाय
- धूप में अधिक देर तक न रहें।
- दिन में 11 बजे से दोपहर तीन बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें।
- बाहर निकलने पर छाता या गमछे से चेहरे को ढंक कर रखें।
- थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी पीते रहना चाहिए।
- पानी के अलावा स्वस्थ लोग शिंकजी, लस्सी व छाछ का इस्तेमाल करना चाहिए।
- अल्कोहल का इस्तेमाल न करें, इससे डिहाइड्रेशन बढ़ सकता है।
- सूती कपड़े का इस्तेमाल करें।