Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Delhi AIIMS: एम्स के मरीजों के लिए अच्छी खबर, चलेंगी AC लो फ्लोर ई-बसें; 40 हजार लोगों को मिलेगा फायदा

Delhi AIIMS Patients दिल्ली एम्स में इलाज कराने आने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी है। एम्स के निदेशक ने अस्पताल प्रशासन को आउटसोर्स के माध्यम से ठेके पर एसी लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें लेने का आदेश दिया है। अगर यह योजना सफल होती है तो एम्स मेट्रो स्टेशन से मरीजों को अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक सहित कई सेंटर तक पहुंचने में आसानी होगी। इससे कई हजार लोगों को फायदा होगा।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 30 Jul 2024 10:48 PM (IST)
Hero Image
एम्स में मरीजों की सुविधा के लिए चलेंगी एसी लो फ्लोर ई-बसें। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। (Delhi AIIMS News) एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने अस्पताल प्रशासन को आउटसोर्स के माध्यम से ठेके पर एसी लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें लेने का निर्देश दिया है। मंगलवार को ही इसके लिए आदेश जारी किया है। यदि इस योजना पर अमल हुआ तो एम्स में वातानुकूलित लो-फ्लोर ई-बसें चलेंगी।

इन बसों में सीट से अधिक नहीं चढ़ पाएंगे लोग

जिसमें 20 मरीजों और उनके तीमारदारों के बैठने की सुविधा होगी। इससे एम्स मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद मरीजों को अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक सहित विभिन्न सेंटर तक पहुंचने में आसानी होगी। इन बसों में सीट से अधिक लोग नहीं चढ़ पाएंगे।

मौजूदा समय में एम्स में निशुल्क ई-शटल सेवा का परिचालन होता है। एम्स के गेट नंबर एक से मस्जिद मोठ तक इन शटल बसों का परिचालन होता है। मस्जिद मोठ के पास नए ओपीडी ब्लाक, सर्जरी ब्लाक, मातृ एवं शिशु ब्लाक व राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र स्थित है।

एम्स करीब 30 छोटे शटल बसों का करता है परिचालन 

शटल सेवा के रूप में एम्स करीब 30 छोटे शटल बसों का परिचालन करता है। एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 13,500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा जांच के लिए भी काफी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। हर मरीज के साथ एक से दो स्वजन होते हैं। ऐसे में एम्स में प्रतिदिन करीब 40 हजार लोगों पहुंचते हैं।

इस वजह से शटल सेवा की सुविधा कम पड़ रही है। आदेश में कहा गया है कि एम्स करीब 200 एकड़ में फैला हुआ है। मेट्रो स्टेशन और बस स्टैंड के पास उतरने के बाद मरीजों और उनके स्वजनों को ट्रामा सेंटर व मस्जिद मोठ के पास स्थित कैंपस में जाने के लिए काफी चलना पड़ता है।

इन बसों में होगी जीपीएस की व्यवस्था

इसके अलावा बहुत मरीज और उनके स्वजन आटो से ट्रामा सेंटर, ओपीडी ब्लॉक, मातृ एवं शिशु ब्लॉक, सर्जरी ब्लॉक व राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र जाने को मजबूर होते हैं। इससे एम्स में ट्रैफिक की समस्या होती है। इसके मद्देनजर आउटसोर्स के जरिये ई-बसें लेने का आदेश दिया है। आदेश में एम्स के परिसर में जगह-जगह शेड वाले बस स्टैंड बनाने बनाने व एक मोबाइल ऐप भी जारी करने का निर्देश दिया गया। ये ई-बसें जीपीएस से लैस होंगी।

आदेश में कहा गया है कि बस स्टैंड पर एक बटन होगा, जिसे दबाने पर ई-बस चालक को पता चल सकेंगे कि स्टैंड पर मरीज इंतजार कर रहे हैं। प्रत्येक कार्य दिवस के दिन सुबह सात से रात दस बजे तक हर दस मिनट के अंतराल पर ई-बसें उपलब्ध होंगी।

शाम सात से सुबह सात बजे के बीच 15 मिनट के अंतराल पर यह बसें चलेंगी। इन बसों में सफर का किराया तय होगा। यूपीआइ या एम्स स्मार्ट कार्ड से किराया भुगतान किया जा सकेगा।

यह भी पढ़ें: Delhi Coaching Incident: 'कोचिंग माफियाओं पर नकेल कसने के लिए बने कानून', AAP सांसद ने PM मोदी को लिखा पत्र

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर