PNG Consumers News: दिल्ली-मुंबई समेत देशभर उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, नए स्टोव से होगी भारी बचत
PNG Consumers News नए डिजाइन में तैयार बर्नर वाला चूल्हा पुराने एलपीजी मोडिफाइ स्टोव बर्नर वाले चूल्हे के मुकाबले 25 फीसदी गैस की बचत भी करेगा यानी बिल इतना ही कम आएगा। नया पीएनजी गैस स्टोव भारतीय पेट्रोल संस्थान (आईआईपी) देहरादून ने डिजाइन किया है।
By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 24 Jun 2021 10:13 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अगर आप पाइप्ड नेचुरल गैस ( PNG) के उपभोक्ता हैं तो आपके लिए य़ह अच्छी खबर है। जल्द ही आपको मार्केट में स्पेशलाइज्ड पीएनजी बर्नर वाला गैस चूल्हा आसानी से उपलब्ध होगा। नए डिजाइन में तैयार बर्नर वाला चूल्हा पुराने एलपीजी मोडिफाइ स्टोव बर्नर वाले चूल्हे के मुकाबले 25 फीसदी गैस की बचत भी करेगा यानी बिल इतना ही कम आएगा। ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रयास को तेज करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की सरकारी सलाहकार निकाय पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीएनजी) ने घरेलू पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) के लिए यह नया गैस स्टोव विकसित किया है।
पीएनजी उपभोक्ता अभी ऊर्जा संरक्षण व सुरक्षा के हिसाब से विकसित पीएनजी-विशिष्ट स्टोव के अभाव में एलपीजी सिलेंडर के लिए बने गैस स्टोव का उपयोग उसके इंजेक्टर में कुछ परिवर्तन करवाकर करते हैं। पुराने स्टोव में इस छेड़छाड़ के कारण पीएनजी की तापीय क्षमता 68 फीसदी की तुलना में 40 फीसदी तक कम रह जाती है। इससे ना सिर्फ गैस की खपत अधिक होती है बल्कि आईएसआई मानव वाले स्टोव में छेड़छाड़ इसकी सुरक्षा से भी समझौता है।
नया पीएनजी गैस स्टोव भारतीय पेट्रोल संस्थान (आईआईपी) देहरादून ने डिजाइन किया है। यह बर्नर/स्टोव देखने में पारंपरिक एलपीजी के अन्य बर्नर की तरह ही दिखता है, लेकिन मिक्सिंग ट्यूब, नोजल, बर्नर और पैन सपोर्ट के डिजाइन में बदलाव के कारण गैस की बर्बादी को कम करता है। एक अनुमान के मुताबिक यदि वर्तमान में मौजूद सभी पीएनजी उपभोक्ता नया विशिष्ट स्टोव अपने घर लगवा लेते हैं तो देशभर में सालाना करीब 3901 करोड़ रुपए की पीएनजी की बचत होगी। एक सामान्य उपभोक्ता की बात करें तो नए बर्नर वाला पीएनजी स्टोव लगाते हैं तो मासिक करीब 100 रुपए से 150 रुपये की बचत बचत होगी। चूंकि गैस कम जलेगी, इसलिए सालाना करीब 11 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का उत्सर्जन भी कम होगा। वर्तमान में करीब 74 लाख पीएनजी उपभोक्ता देशभर में हैं और हर महीने 80 हजार नए उपभोक्ता जुड़ रहे हैं।
भारतीय पेट्रोल संस्थान (आईआईपी) देहरादून ने गैस स्टोव बनाने वाली 40 कंपनियों को यह नई तकनीक ट्रांसफर कर दी है जिसमें 10 कंपनियों ने इस स्टोव का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। पीएनजी का ऊर्जा दक्षता वाला यह स्टोव ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के साथ-साथ खुले बाजार में भी उपलब्ध है। पीएनजी स्टोव बनाने वाली कंपनी और स्टोर की सूची पीसीआरए की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।पीसीआरए इस प्राकृतिक ऊर्जा की बचत वाले चूल्हे को लोगों तक पहुंचाने या सुलभ उपलब्ध कराने, लोगों में जागरूक के लिए कई स्तरों पर काम कर रहा है। उसी दिशा में ऊर्जा मंत्रालय की ज्वाइंट वेंचर कंपनी ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड-ईईएसएल) के साथ 'ऊर्जा कुशल पीएनजी कुक स्टोव' (ईईपीएस) के तहत संभावित उपभोक्ताओं में ऊर्जा कुशल पीएनजी गैस स्टोव वितरित करने के लिए पीसीआरए ने करार किया है। ईईएसएल चूल्हों का प्रोडक्शन बड़े स्केल पर करवाकर पीएनजी उपभोक्ताओं की रसाई तक पहुंचाने की स्ट्रेटजी बनाने में जुटा है।
ईईपीएस कार्यक्रम के पहले चरण में देश के चुनिंदा शहरों में 10 लाख ऊर्जा दक्ष पीएनजी कुकिंग स्टोव वितरित करेगा। दोनो एजेंसियों के बीच हुए समझौते के मुताबित ईईएसएल पीएनजी के संभावित ग्राहकों को सस्ती कीमत पर पीएनजी गैस स्टोव उपलब्ध कराएगी।पीएनजी गैस-स्टोव को बढ़ावा देने के लिए ईईएसएल नवीन योजनाओं पर भी विचार कर रहा है, जिसमें मौजूदा एलपीजी गैस स्टोव के बदले एक्सचेंज ऑफर, ईएमआई योजना और एकमुश्त भुगतान पर छूट शामिल है।
तेजी से बढ़ रहे हैं पीएनजी उपभोक्ता देशभर में फरवरी, 2021 तक के उपलब्ध डाटा के हिसाब से 74.20 लाख घरों तक पीएनजी कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है। गुजरात में 23.62 लाख, महाराष्ट्र में 18.94 लाख, दिल्ली में 10.21 लाख कनेक्शन हैं। मुंबई और ग्रेटर मुंबई में 9.21 लाख, हैदराबाद में 1.21 लाख, लखनऊ में करीब 61 हजार घरों की रसोई में सीधे पाइप नेचुरल गैस पहुंच चुकी है। इसके अलावा पीएनजी का नेटवर्क यूपी, बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू के कई जिलों तक पहुंचा हुआ है। अब तक देश के 400 जिलों में पहुंच बना चुका पीएनजी नेटवर्क अगले आठ वर्षों में आधी आबादी को कवर करने वाले 4.2 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंच जाएगा। इतना ही नहीं, औसत आंकलन के मुताबिक हर महीने करीब 80 हजार से अधिक नए पीएनजी कनेक्शन लिए जा रहे हैं।
किफायती और सुरक्षित पीएनजी घरेलू गैस (एलपीजी) की तुलना में पीएनजी 30 फीसदी किफायती है। 14.2 किलोग्राम घरेलू गैस सिलेंडर, प्राकृतिक गैस पीएनजी के लगभग 15.5 यूनिट के बराबर होती है। नेचुरल गैस केवल 515 फीसद तक हवा के साथ मिश्रित होने पर ही आग पकड़ती है, जबकि एलपीजी यदि 2 फीसद या उससे अधिक हवा के साथ मिश्रित हो जाए, तो भी आग पकड़ लेती है।डॉ. निरंजन कुमार सिंह (कार्यकारी निदेशक, पीसीआरए) का कहना है किनेचुरल गैस हवा से हल्की होती है, इसलिए रिसाव के दौरान यदि वायु संचालन उचित हो, तो यह ऊपर उठकर हवा में गायब हो जाती है। जबकि एलपीजी भारी होती है, इसलिए नीचे की ओर फर्श की सतह पर जम जाती है।
यह समय है कि हम न केवल ऊर्जा के ग्रीन एंड क्लीन स्रोत के इस्तेमाल की तरफ बढ़ें बल्कि इसका सुरक्षित और कुशलता से उपयोग भी करें। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून के परामर्श से विकसित पीएनजी गैस स्टोव पारंपरिक एलपीजी गैस स्टोव की तुलना में अधिक तापीय कुशल और सुरक्षित है। नया गैस स्टोव अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ स्थानीय बाजार में भी उपलब्ध है। हमने विभिन्न योजनाओं और प्रस्तावों के माध्यम से पीएनजी उपभोक्ताओं को नया पीएनजी गैस स्टोव उपलब्ध कराने के लिए ईईएसएल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।