Aravali Latest News: अवैध फार्म हाउस और अन्य निर्माणों से हर बार बदल जाती है अरावली की गूगल इमेज
Aravali Latest News गूगल इमेज साल में दो बार अपडेट होती हैं और जब भी किसी एक क्षेत्र में गूगल इमेज अपडेट होती हैं तो वे बदली हुई नजर आती हैं।
नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। अवैध फार्म हाउस और अन्य निर्माणों के कारण अरावली के संरक्षित वन क्षेत्र की गूगल की सेटेलाइट इमेज (तस्वीर) हर बार बदल जाती है। हरियाली की जगह कंकरीट के जंगल ज्यादा दिखाई देने लगते हैं। यह रिकॉर्ड किसी से छुपा नहीं है। गूगल इमेज साल में दो बार अपडेट होती हैं और जब भी किसी एक क्षेत्र में गूगल इमेज अपडेट होती हैं तो वे बदली हुई नजर आती हैं। अरावली के इन जंगलों को पंजाब भू-परिरक्षण अधिनियम (पीएलपीए)-1900 की धारा 4 और 5 में संरक्षित बताया गया है। यहां गैर वानिकी कार्य नहीं हो सकते मगर गुरुग्राम से फरीदाबाद मार्ग और फरीदाबाद से दिल्ली मार्ग (सूरजकुंड) के दोनों तरफ फार्म हाउस बनाने के धंधे में बड़े कारोबारी भी यहां जुटे हुए हैं। इन कारोबारियों को राजनेताओं से लेकर बड़े अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त रहता है। अरावली के संरक्षित क्षेत्र में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के पास 500 से अधिक फार्म हाउस का रिकॉर्ड है। छह साल पहले इनकी संख्या महज 120 थी। तब 120 में से भी 40 फार्म हाउस अविकसित थे। दोनों जिलों में अरावली संरक्षित वन क्षेत्र में सिर्फ 12 फार्म हाउस ऐसे हैं जिन्होंने 2004 से पहले का पास भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) कराया हुआ है। ज्यादातर सीएलयू गुरुग्राम में हुए हैं, फरीदाबाद में दो फार्म हाउस के सीएलयू हुए हैं। बाकी 70 फीसद फार्म हाउस मालिकों ने किसी न किसी अदालत से तोड़फोड़ पर स्टे लिया हुआ है। सूरजकुंड मार्ग पर सिद्धदाता आश्रम और मानव रचना विश्वविद्यालय के समक्ष महज दो किलोमीटर क्षेत्र में 2014 की गूगल इमेज पर 5 ही फार्म हाउस में शेड बने हुए दिखाई देते हैं जबकि अब अप्रैल 2020 में इनकी संख्या 25 पर पहुंच गई है।
कोरोना संक्रमण काल में खूब हुई हैं चारदीवारी
कोरोना संक्रमण काल में बेशक कहीं कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ मगर अरावली क्षेत्र में अनेक फार्म हाउस की चार दीवारी खड़ी हो गई हैं। इन फार्म हाउस की नई चारदीवारी किसी से छुपी नहीं हैं। गूगल सेटेलाइट इमेज 29 अप्रैल 2020 को आखिरी बार अपडेट हुई हैं। इसके बाद जब भी गूगल इमेज अपडेट होगी तब यह भी आसानी से साबित किया जा सकेगा कि कोरोना संक्रमण काल में कितने अवैध निर्माण हुए। फिलहाल सूरजकुंड मार्ग से स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के आश्रम वाले मार्ग पर अरावली में पांच किलोमीटर लंबी नई सड़क और उस पर 25 बिजली के निजी पोल भी खड़े कर दिए गए हैं। बिजली के ये निजी स्तर पर खड़े किए गए पोल दो नए फार्म हाउस तक रात में भी पहुंचने में मदद करते हैं।
तोड़फोड़ से मिल जाती है कानूनी सहायता
किसी भी फार्म हाउस के लिए सरकारी विभाग द्वारा एक बार तोड़फोड़ में फायदा ही रहता है। तोड़फोड़ के बाद न सिर्फ संबंधित विभाग में फार्म हाउस का आंकड़ा रहता है बल्कि उस पर कानूनी लड़ाई लड़ने में सहायता मिलती है।
रवि सिंगला (सेवानिवृत्त, वरिष्ठ नगर योजनाकार) की मानें तो अनाधिकृत उपयोग व निर्माण रोकने के लिए डेवलपमेंट प्लान-2031 के क्रियान्वयन कराने की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। अलग विभागों को जिम्मेदारी देने की बजाए यहां निगरानी के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स बनानी चाहिए। क्षेत्र की ड्रोन कैमरे से निगरानी करते हुए समय-समय पर इनके फोटोग्राफ भी सार्वजनिक किए जाएं।
(कंवरपाल गुर्जर, वन मंत्री, हरियाणा) का कहना है कि राज्य में सरकार वन क्षेत्र 7 से 20 फीसद करना चाहती है। इसलिए अरावली संरक्षण में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। गैर वानिकी कार्य करने वालों पर और सख्ती बरती जाएगी। अरावली संरक्षण के लिए अलग टास्क फोर्स की बजाए हम किसी मौजूदा टास्क फोर्स को इसकी जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।
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