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गीता प्रेस को सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में योगदान के लिए मिलेगा 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार'

केंद्र सरकार ने गांधी शांति पुरस्कार पर रविवार को बड़ी घोषणा की है। संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि गांधी शांति पुरस्कार-2021 गीता प्रेस गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गीता प्रेस को 2021 का गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने का फैसला किया गया।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Sun, 18 Jun 2023 08:51 PM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गीता प्रेस को 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार' दिए जाने का फैसला
नई दिल्ली, एजेंसी : केंद्र सरकार ने 'गांधी शांति पुरस्कार' पर रविवार को बड़ी घोषणा की है। संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि गांधी शांति पुरस्कार-2021 गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गीता प्रेस को 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार' दिए जाने का फैसला किया गया है। पीएम मोदी ने गीता प्रेस, गोरखपुर को बधाई देते हुए कहा कि उसकी स्थापना के सौ साल पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। गीता प्रेस को यह पुरस्कार सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है।

गीता प्रेस को मिलेगा 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार'

गीता प्रेस की स्थापना 1923 में हुई थी। यह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता शामिल हैं। संस्था ने राजस्व के लिए कभी भी प्रकाशनों में विज्ञापन नहीं छापा। इस पुरस्कार में एक करोड़ रुपये की राशि दी जाती है। इसके साथ ही प्रशस्ति पत्र और कलाकृति भी दी जाती है।

सरकार ने वर्ष 1995 से की 'गांधी शांति पुरस्कार' की शुरुआत

गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने में गीता प्रेस का योगदान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने में गीता प्रेस के योगदान को याद किया। यह पुरस्कार महात्मा गांधी के आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में दिया जाता है। सरकार ने 1995 से 'गांधी शांति पुरस्कार' देना शुरू किया है। यह राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या ¨लग की परवाह किए बिना दिया जाता है।

ओमान के सुल्तान कबूस बिन व बांग्लादेश के शेख मुजीबुर्रहमान को भी मिल चुका है यह पुरस्कार

हाल ही में यह पुरस्कार 2019 में ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद और 2020 में बांग्लादेश के शेख मुजीबुर्रहमान को दिया गया था। इससे पहले यह पुरस्कार इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, विवेकानंद केंद्र, अक्षय पात्र, सुलभ इंटरनेशनल समेत कई संस्थाओं को मिल चुका है।

कई प्रसिद्ध लोगों इस पुरस्कार से किया जा चुका है सम्मानित

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डा. जूलियस न्येरेरे सहित कई प्रसिद्ध लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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