Delhi Coaching Incident: ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे के बाद से हरकत में सरकार, एक के बाद एक हो रहा काम
Old Rajendra Nagar Incident दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे में तीन आईएएस अभ्यर्थियों की मौत के बाद सरकार और प्रशासन एक के बाद एक एक्शन लेते हुए दिखाई दे रही है। मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एक निर्देश देते हुए कहा है कि जलभराव वाले संवेदनशील स्थानों पर गंभीरता से काम हो। 120 जगहों पर त्वरित योजना के तहत काम किया गया है।
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। (Delhi Old Rajendra Nagar Incident)ओल्ड राजेंद्र नगर में जलभराव हो जाने से बेसमेंट में आईएएस की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत हो जाने से जलभराव को लेकर दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है। लोक निर्माण मंत्री आतिशी (Atishi) द्वारा जल भराव को लेकर पत्र लिखने के बाद मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जलभराव वाले 308 संवेदनशील स्थानों पर गंभीरता से काम करने के लिए सभी संबंधित विभागों को दिए निर्देश हैं। उन्होंने इस समस्या के लिए त्वरित और दूरगामी दो तरह की योजनाओं पर चल रहे काम की समीक्षा करने के लिए भी कहा है, ताकि कहीं पर कोई लापरवाही न हो सके।
मुख्य सचिव के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी)ने पहले चरण में 93 स्थानों को प्रमुखता से त्वरित याेजना में शामिल किया है।त्वरित योजना के तहत इन प्वाइंट पर अस्थाई पंप बढ़ाए गए हैं और कुछ स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। त्वरित योजना में पानी नहीं भरने देने के साथ शीघ्रता से वहां से पानी निकाल देने की योजना पर काम हो रहा है।बता दें कि पीडब्ल्यूडी के पास करीब 1260 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। यातायात पुलिस ने जलभराव के जो जिन स्थानों को संवेदनशील माना है। इसमें लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर ऐसे 214 स्थान शामिल हैं। जबकि अन्य एजेंसियों के 94 स्थान इस श्रेणी में बताए गए हैं।
इनमें एनडीएमसी के 40, डीडीए के 16, एनएचएआई के 17, दिल्ली जल बोर्ड के दो, डायल का एक, डीएमआरसी के सात, एमसीडी के चार, आईटीपीओ के छह और डीएसआईआईडीसी का एक शामिल है।पीडब्ल्यूडी ने अपने हिस्से के संवेदनशील स्थानों में से 93 स्थानों पर त्वरित और दीर्घकालिक उपचारात्मक उपायों की आवश्यकता महसूस की है। उनमें से 48 स्थानों पर काम पूरा हो चुका है। यहां पर कई तरह के काम किए जा चुके हैं। शेष 45 स्थानों पर कार्य प्रगति पर है। जबकि शेष 121 स्थानों पर केवल अल्पकालिक उपचारात्मक उपायों की बात कही गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील श्रेणी के अंडरपास मिंटो ब्रिज, पुल प्रहलादपुर, जखीरा आदि में ऐसी व्यवस्था की गई है कि अंडरपास में आठ इंच पानी भरने के बाद टीमें सतर्क हो जाएंगी। यहां सीसीटीवी कैमरे व वाटर सेंसर सिस्टम लगाए गए हैं।अगर अंडरपास में पानी भरना जारी रहा तो ट्रैफिक के आवागमन को रोक दिया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने यहां तक चेतावनी दी है कि भारी वर्षा के दौरान लगाए गए यातायात प्रतिबंधों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। जलभराव पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए कर्मचारियों को शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी लगा दी गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।