दिल्ली-NCR में आज से GRAP प्रभावी, प्रदूषण बढ़ने पर कई चरणों में लगेंगी कई पाबंदियां; बदल जाएगा बहुत कुछ
GRAP in Delhi NCR ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप दिल्ली एनसीआर में एक अक्टूबर से लागू हो जाएगा। इसके लागू होने से कई ऐसी पाबंदियां है जो लागू हो जाएंगी। प्रदूषण बढ़ने से डीजल जनरेटर बंद कर दिए जाएंगे।
By Dhananjay VermaEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 01 Oct 2022 07:18 AM (IST)
नई दिल्ली/नोएडा/गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर इस बार 15 दिन पहले शनिवार यानी एक अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप, GRAP) लागू कर दिया गया है। इस बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से अधिक होते ही डीजल जनरेटर के संचालन पर रोक रहेगी। सोसायटियों में सिर्फ लिफ्ट चलाने के लिए दिन भर में सिर्फ दो घंटे ही डीजल जनरेटर चलाने की छूट दी गई है। अस्पताल, एस्केलेटर, रेलवे, मेट्रो में जनरेटर के संचालन की छूट है। एक्यूआइ बढ़ने पर पाबंदियां बढ़ने लगेंगी।
सोसायटियों और उद्योग के लिए बढ़ी परेशानी
ग्रेप के दौरान AQI 300 से अधिक होने पर सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी जनरेटर के संचालन पर छूट रहेगी। साथ ही ऐसे जनरेटर जिनमें रेट्रोफिट इमरसन कंट्रोल डिवाइस (आरईसीडी) और ड्यूल फ्यूल किट लगी है, उन्हें चलाने पर छूट रहेगी। दोनों डिवाइस के लगने से डीजल जनरेटर से प्रदूषण 90 प्रतिशत कम हो जाता है।एक्यूआइ 300 से अधिक होने पर डीजल जनरेटर पर रोक होगी। सोसायटियों में सिर्फ लिफ्ट चलाने के लिए 24 घंटे में सिर्फ दो घंटे डीजल जनरेटर चलाने की छूट होगी। ज्यादातर औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर लगे हैं। अभी तक उद्यमी जनरेटर को सीएनजी या पीएनजी में परिवर्तित नहीं कर सके हैं। ऐसे में उद्योग भी ग्रेप से प्रभावित होंगे।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बढ़ेगी बिजली की मांग
ग्रेप लागू होने के दौरान डीजल जनरेटर के संचालन पर रोक से बिजली की मांग बढ़ जाएगी, लेकिन बार-बार बिजली कटौती से उद्योगों और सोसायटियों में परेशानी हो सकती है। सोसायटियों के लोग और उद्यमियों ने विद्युत निगम के अधिकारियों से बिजली न कटौती करने की मांग की है, जिससे की जनरेटर चलाने की नौबत न आए।
इन बातों पर रखना है ध्यान
ग्रेप के दौरान कूड़ा जलाने पर रोक है, कूड़ा जलाने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। निर्माण सामग्री को ढककर रखना है। सड़कों की नियमित मशीन से सफाई कर पानी का छिड़काव करना है। ढककर निर्माण कार्य करना है। निर्माणाधीन साइटों पर एंटी स्माग गन लगानी है। एक्यूआइ 400 के ऊपर पहुंचने पर निर्माण व ध्वस्तीकरण पर रोक रहेगी। ये भी पढ़ें- Delhi Metro: संडे को ब्लू लाइन पर द्वारका-नोएडा के बीच सीधी नहीं चलेगी दिल्ली मेट्रो, हुआ ये बदलावएक्यूआइ 201 से 300 तक पर पाबंदी
- 500 स्क्वायर मीटर या इससे बड़े प्लाट पर निर्माण या ध्वस्तीकरण की रोक है।
- नियमित सालिड वेस्ट और निर्माण कचरे को उठाना होगा।
- सड़कों की नियमित मशीन से सफाई और पानी का छिड़काव करना होगा।
- निर्माण स्थल को ढककर और एंटी स्माग गन लगाकर ही निर्माण कार्य किया जा सकता है।
- कूड़ा जलाने पर स्थानीय नगर निकाय की ओर से जुर्माना लगाया जाएगा।
- अवैध तरीके से चल रही फैक्ट्रियों को बंद कराया जाएगा।
- ईंट के भट्टों पर प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरे करने होंगे।
AQI 301 से 400 तक पर पाबंदियां
- कोयला व लकड़े से चलने वाले तंदूर पर प्रतिबंध रहेगा।
- अति आवश्यक कार्य के लिए ही डीजल जनरेटर चलाने की छूट होगी।
- सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के फेरे बढ़ाए जाएंगे।
- सड़कों पर जाम न लगे इसके लिए यातायात पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
- नियमित सड़कों की सफाई व पानी का छिड़काव होगा।
AQI 401 से 450 तक पाबंदियां
- सभी तरह के निर्माण और ध्वस्तीकरण पर रोक होगी।
- लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से गंतव्य तक जाने की अपील।
- बिना पीएनसी, सीएनजी के डीजल जनरेटर से चल रहे उद्योगों को बंद किया जा सकता है।
- ईंट के भट्टे, हाट मिक्स प्लांट, स्टो क्रशर बंद रहेंगे।
- राज्य सरकार पेट्रोल के बीएस-3 और डीजल के पीएस-4 वाहनों पर रोक लगा सकती है।
AQI 451 से ऊपर होने पर पाबंदियां
- स्कूल व कालेज को बंद करने को राज्य सरकार बंद कर सकती है।
- एनसीआर में आवश्यक सेवाओं में लगे सीएनजी ट्रक को छोड़कर अन्य के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
- केंद्र सकरार अपने कार्यालय के कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम कराने पर निर्णय ले सकती है।
- सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों की संख्या को घटाकर वर्क फ्राम होम किया जाएगा।
- हाईवे, पुल आदि बड़े प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक रहेगी।
- डीजल और कोयले से चलने वाले उद्योगों पर रोक रहेगी।