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हवा जहरीली होते ही दिल्ली-NCR में ग्रेप-2 लागू, डीजल जनरेटर पर बैन; पार्किंग फीस बढ़ाने से लेकर पढ़ें CAQM के निर्देश

Delhi Pollution दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते GRAP का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत डीजल जनरेटर पर रोक लगाने समेत कई कदम उठाए गए हैं। दिल्ली में अभी हवा की गुणवत्ता अभी और खराब होगी। मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी है। जानिए GRAP के बारे में और दिल्ली में लागू प्रतिबंधों के बारे में विस्तार से।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 21 Oct 2024 08:06 PM (IST)
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प्रदूषण बढ़ने के कारण ग्रेप-2 प्रतिबंध लागू।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत अधिकारियों को ऐसे कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके। इसके अलावा डीजल जनरेटर पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया है। ग्रेप-2 मंगलवार सुबह 8 बजे से लागू हो जाएगा।

सर्दियों का मौसम आने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने लग जाता है और वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है। सोमवार को दिल्ली का दिनभर औसत एक्यूआई 300 के लगभग रहा। इसके बाद शाम को 4 बजे एक्यूआई 310 पहुंच गया।

मौसम विभाग का अनुमान है कि AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) अभी 300-400 के बीच ही रहेगा, जो बहुत खराब की श्रेणी में आता है। ग्रेप का पहला चरण 14 अक्टूबर को लागू कर दिया था।

सीएक्यूएम द्वारा दिल्ली-NCR को दिए गए निर्देश

  • सड़कों पर पानी का छिड़काव करने को कहा।
  • जहां धूल ज्यादा उड़ती हो, जहां ज्यादा ट्रैफिक लगता हो, कूड़ाघरों के आसपास पानी का छिड़काव जरूर हो, ताकि धूल के कड़ों को हवा में जाने से रोका जा सके।
  • धूल पर नियंत्रण के लिए निर्माण साइटों पर पानी का छिड़काव हो।
  • पार्किंग फीस बढ़ाने को कहा, ताकि लोग सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें।
  • दिल्ली मेट्रो को फेरो को बढ़ाने का निर्देश दिया है।
  • सीएनजी बसों की भी फेरों की संख्या बढ़ाने को कहा।
  • ओद्योगिक इकाइयों, सोसाइटियों में डीजल जेनरेटर का न हो प्रयोग।
  • लोगों को निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों को प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
  • सर्दियों में सुरक्षा कर्मियों को वायो गैस या खुले में आग जलाने की जगह बिजली का हीटर दिया जाए।

AQI से वायु प्रदूषण का चलता है पता

वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) एक नंबर होता है जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता को आंका जाता है। इससे वायु में मौजूद प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है। एक्यूआई की रीडिंग के आधार पर हवा की गुणवत्ता को छह कैटेगरी में बांटा गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर माना जाता है।

चार चरणों में बांटा गया है ग्रेप

एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर "ग्रेप" को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण एक्यूआई 201 से 300 यानी खराब होने पर लागू किया जाता है।

दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है।

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