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GRAP-3 Restrictions: दिल्ली में अभी लागू है ग्रेप-3, इन नियमों का उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता अभी भी बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश के बाद ग्रेप चार के प्रतिबंध हटने के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने शहर के सभी निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अभियंताओं को निर्देश जारी किए हैं। ग्रेप चार के हटने के बाद राष्ट्रीय हित की परियोजनाओं पर काम शुरू हो सकेगा।

By V K ShuklaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 21 Nov 2023 02:12 PM (IST)
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GRAP-3 Restrictions: दिल्ली में अभी लागू है ग्रेप-3, इन नियमों का उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली। निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण को रोकने में मिली लापरवाही तो परियोजना प्रमुखों पर कार्रवाई होगी। लोक निर्माण विभाग ने ग्रेप चार हटने के बाद काम करने की मिली छूट पर विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।

एनसीआर से हट चुका है ग्रेप-4

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश के बाद ग्रेप चार के प्रतिबंध हटने के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने शहर के सभी निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अभियंताओं को निर्देश जारी किए हैं। धूल उत्सर्जन की प्रभावी निगरानी के लिए सभी डिवीजनों के कार्यकारी अभियंताओं को अनिवार्य रूप से अपने कार्यस्थलों का दौरा करने का भी निर्देश दिया है।

अभी इन पर प्रतिबंध है बरकरार

नहीं हो सकेगा तोड़फोड़ व खोदाई का काम

ग्रेप चार के हटने के बाद राष्ट्रीय हित की परियोजनाओं पर काम शुरू करने की अनुमति मिल गई है। इनमें फ्लाईओवर और अस्पतालों से संबंधित परियोजनाएं भी शामिल हैं। अभी ग्रेप तीन लागू है। इसलिए निर्माण स्थल पर तोड़फोड़ व खोदाई का काम नहीं हो सकेगा। मगर निर्माण कार्य के तहत ईंटों की चिनाई या स्लैब बनाने, सरिया बिछाने सहित विभिन्न ऐसे कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जिसमें खोदाई या तोड़फोड़ से संबंधित कार्य नहीं है।

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श्रमिकों के अपने गांव चले जाने का डर

परियोजनाओं पर काम कर रहीं एजेंसियां खाली बैठे श्रमिकों को काम पर लगा रही हैं, उन्हें श्रमिकों के अपने गांव चले जाने का डर है। ऐसे में वे उन्हें काम में लगा रही हैं।

पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही ग्रेप तीन के प्रतिबंध हटेंगे और निर्माण कार्य तेजी पकड़ेगा। मगर प्रदूषण को रोकने के लिए पूरी तरह से रोक लगानी होगी। अगर परियोजना प्रमुख धूल प्रदूषण रोकने के उपाय करने में विफल रहते हैं तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उन पर कार्रवाई होगी।

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