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GTB Hospital Firing: अस्पताल में गोलीबारी पर NHRC सख्त, स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी

एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत संज्ञान लिया और 14 जुलाई को दिल्ली के दिलशाद गार्डन में जीटीबी अस्पताल के एक वार्ड के अंदर हमलावरों द्वारा एक मरीज की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त नोटिस जारी किया। नोटिस जारी कर सभी एजेंसियों से चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।

By Agency Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 18 Jul 2024 03:05 PM (IST)
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दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में फायरिंग की घटना को लेकर एनएचआरसी ने थमाया नोटिस।

पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने जीटीबी अस्पताल के अंदर एक मरीज की गोली मारकर हत्या की घटना के संबंध में गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि मरीजों के चिकित्सा उपचार के अलावा, उनकी सुरक्षा भी सरकारी अस्पतालों के प्रशासन द्वारा देखा जाने वाला एक महत्वपूर्ण पहलू है।

अधिकार पैनल ने कहा कि उसने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि 14 जुलाई को दिल्ली के दिलशाद गार्डन में जीटीबी अस्पताल के एक वार्ड के अंदर हमलावरों द्वारा एक मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 15 जुलाई को आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के वार्डों में कोई भी बिना किसी रोक-टोक के प्रवेश कर सकता है। बयान में कहा गया है कि सुरक्षा गार्ड मरीजों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते हैं।

'दिल्ली के अस्पतालों में सुरक्षा की कमी एक गंभीर मुद्दा'

रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है, "अस्पताल के अंदर मरीजों से मिलने आने वालों की सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा कभी जांच नहीं की जाती है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मेटल डिटेक्टर, बैग स्कैनर जैसे उपकरणों की कोई व्यवस्था नहीं है।" आयोग ने पाया कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री यदि सच है तो दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा की कमी एक गंभीर मुद्दा है। जाहिर है सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की तत्काल जरूरत है।

'चार हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट की मांग'

बयान में कहा गया है कि आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव और दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ-साथ दिल्ली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें कहा गया है कि उनसे अस्पतालों में सुरक्षा के मुद्दे के समाधान के लिए उठाए गए कदमों या उठाए जाने वाले कदमों के बारे में विस्तार से उल्लेख करने की उम्मीद है।

'यह सुनिश्चित हो कि अस्पतालों के अंदर हिंसा दोबारा न हो'

आयोग ने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों की प्रशासक होने के नाते एजेंसियां ​​यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं कि अस्पतालों के अंदर ऐसे मुद्दों के कारण हिंसा और मानव जीवन की हानि की घटनाएं दोबारा न हों। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बयान में कहा गया है कि दिल्ली के ज्यादातर अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बेहद खराब है।

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