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इंटरसेक्स शिशुओं पर लिंग-चयनात्मक सर्जरी पर मसौदा नीति की स्थिति पर नवीनतम रिपोर्ट करें दाखिल- दिल्ली HC

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि इंटरसेक्स शिशुओं एवं बच्चों पर लिंग चयनात्मक सर्जरी को लेकर बनाए जा रहे मसौदा नीति की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं। एक अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार को मामले में आठ सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 20 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

By Vineet TripathiEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 13 Sep 2023 11:46 PM (IST)
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इंटरसेक्स शिशुओं पर लिंग-चयनात्मक सर्जरी पर मसौदा नीति की स्थिति पर नवीनतम रिपोर्ट करें दाखिल- दिल्ली HC

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि इंटरसेक्स शिशुओं एवं बच्चों पर लिंग चयनात्मक सर्जरी को लेकर बनाए जा रहे मसौदा नीति की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं। एक अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार को मामले में आठ सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 20 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

अदालत ने उक्त आदेश सृष्टि मदुरै एजुकेशनल रिसर्च फाउंडेशन की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में जुलाई 2022 में पारित दो सदस्यीय पीठ के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है।

सरकार से नीति बनाने को कहा

अदालत ने दिल्ली सरकार को जीवन की रक्षा के मामलों को छोड़कर इंटरसेक्स शिशुओं और बच्चों पर चिकित्सकीय रूप से अनावश्यक लिंग-चयनात्मक सर्जरी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर नीति बनाने को कहा था। अदालत ने उक्त आदेश याचिका पर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर, DCPCR) की सिफारिशों पर दिया था।

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दिल्ली सरकार अब तक कोई कार्रवाई नहीं सकती

याचिकाकर्ता के वकील राबिन राजू ने कहा कि अदालती आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। दिल्ली सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा कि 25 अगस्त को जारी एक पत्र का हवाला दिया।

इसमें प्रश्नगत नीति का मसौदा तैयार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) के डीन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। उक्त पत्र को देखने के बाद अदालत ने अवमानना याचिका पर नोटिस न जारी करते हुए नीति संबंधी मसौदे की अद्यतन जानकारी देने को कहा।

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