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सभी शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिलाना सुनिश्चित करे दिल्ली सरकार, HC का निर्देश

गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी को विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग छात्रों के पांच प्रतिशत सीट आरक्षित करने का निर्देश देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अहम निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिलाना सुनश्चित करें।

By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sun, 30 Jul 2023 08:21 PM (IST)
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दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अहम निर्देश दिए हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी को विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग छात्रों के पांच प्रतिशत सीट आरक्षित करने का निर्देश देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अहम निर्देश दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिलाना सुनश्चित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि संस्थानों में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम का अनुपालन किया जा रहा है। अदालत ने उक्त आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में आरोप लगाया था कि आईपी यूनिवर्सिटी में दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्ष्ण दिए जाने संबंधी प्रविधान का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

सीटें भरने का हर संभव प्रयास किए जाए- अदालत 

पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार और विश्वविद्यालय विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों की सभी श्रेणियों को आरक्षण प्रदान करके दिव्यांगों के लिए सीटें भरने का हर संभव प्रयास करेंगे। अदालत ने कहा कि मामले में आगे कोई निर्देश पास करने की आश्वयकता नहीं है, ऐसे में याचिका का निपटारा किया जताा है। मई माह मेें अदालत ने एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय को वर्तमान शैक्षणिक सत्र में प्रवेश के लिए दिव्यांगों उम्मीदवारों को आरक्षण प्रदान करने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन जस्टिस फार आल ने याचिका दायर कर कहा था कि दिव्यांगों से जुड़े कानून के तहत पांच प्रतिशत कोटा प्रदान करने के बजाय उम्मीदवारों को केवल तीन प्रतिशत कोटा दिया जा रहा है। अदालती आदेश के बावजदू भी अंतरिम निर्देश लागू नहीं होने याचिकाकर्ता ने बाद में एक अवमानना आवेदन दायर किया और आरोप लगाया कि अंतरिम आदेश लागू नहीं किया जा रहा है। वहीं, हलफनामा दाखिल कर विश्वविद्यालय ने कहा था कि दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, इस पर अदालत ने अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी थी।

रिपोर्ट इनपुट- विनीत 

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