बीमाकर्ता को उठाना पड़ता है नुकसान, स्वास्थ्य बीमा देने से पहले अनिवार्य हो स्वास्थ्य जांच
जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि अनिवार्य चिकित्सकीय परीक्षण के लिए दिशानिर्देश न होने के कारण बीमा कंपनियां इसका फायदा उठाती हैं और बीमाकर्ता को नुकसान उठाना पड़ता है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। स्वास्थ्य बीमा देने से पहले अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच के दिशानिर्देश की मांग के लिए दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार व बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) से जवाब मांगा है।
बीमा कंपनियां फायदा उठाती हैं
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि आइआरडीए को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तारीख आठ अगस्त तक जवाब देने का आदेश दिया गया है। वकील अर्पित भार्गव के माध्यम से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि अनिवार्य चिकित्सकीय परीक्षण के लिए दिशानिर्देश न होने के कारण बीमा कंपनियां इसका फायदा उठाती हैं और बीमाकर्ता को नुकसान उठाना पड़ता है।
बीमा कंपनियों की नीतियां अस्पष्ट होती हैं
बीमा कंपनियों की नीतियां भी अस्पष्ट होती हैं। उन्होंने यह भी दलील दी कि आवेदन प्राप्त करने के समय बीमा कंपनी के एजेंट अक्सर ग्राहक के हस्ताक्षर लेते हैं और विवरण खुद भरते हैं और पॉलिसी आवेदक की स्वास्थ्य जांच के बिना जारी की जाती है। सरकार और आइआरडीए इस मुद्दे पर मूकदर्शक के रूप में काम कर रहे हैं। भार्गव ने बीमा पॉलिसी जारी करने से पहले स्वास्थ्य जांच कराने के दिशानिर्देश तैयार कराने के संबंध में आइआरडीए को आदेश देने की मांग की है।
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