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'चीन में फैले निमोनिया संक्रमण का एक भी मरीज भारत में नहीं', AIIMS के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी की पुष्टि

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में फैले निमोनिया संक्रमण से संबंधित सात मरीज दिल्ली एम्स में सामने आने के दावे को भ्रामक बताया है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि चीन में फैले श्वसन संक्रमण से दिल्ली एम्स में मिलने वाले रोगियों के बीच कोई संबंध नहीं है। इसको लेकर एम्स की तरफ से भी प्रतिक्रिया दी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu SumanUpdated: Thu, 07 Dec 2023 08:23 PM (IST)
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स में भर्ती मरीजों को लेकर दी जानकारी।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में फैले निमोनिया संक्रमण से संबंधित सात मरीज दिल्ली एम्स में सामने आने के दावे को भ्रामक बताया है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि चीन में फैले श्वसन संक्रमण से दिल्ली एम्स में मिलने वाले रोगियों के बीच कोई संबंध नहीं है। इसको लेकर एम्स की तरफ से भी प्रतिक्रिया दी गई है।

दिल्ली एम्स की तरफ से कहा गया कि हाल ही में 'द लैंसेट' मेडिकल जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है। इसमें विभिन्न देशों सहित भारत की ओर से दिल्ली एम्स के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस अध्ययन में एम्स की तरफ से बताया गया है कि इस तरह के संक्रमण के सात मामले इस साल अप्रैल से लेकर अब तक सामने आए हैं। इनका चीन में फैले संक्रमण से इसका कोई संबंध नहीं है। 


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सितंबर में भर्ती निमोनिया के मरीज अब स्वस्थ

वहीं, इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि अप्रैल से सितंबर 2023 के बीच एम्स में जो मरीज निमोनिया संक्रमित मिले हैं, वह चिंता का कारण नहीं है। अब वह सभी स्वस्थ हैं। इसके अलावा उनमें कोई नया स्ट्रेन नहीं मिला है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने अलग अलग राज्यों से लिए करीब 611 नमूनों की जांच दिल्ली एम्स में कराई। इनमें से कोई भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया संक्रमित नहीं मिला है।

अधिकतर संक्रमण की वजह एम बैक्टीरिया

माइकोप्लाज्मा निमोनिया एम बैक्टीरिया की वजह से होता है जो समुदाय में काफी आम है। आमतौर पर साल में जितने भी बैक्टीरिया संक्रमण के मामले सामने आते हैं, उनमें 15 से 30 फीसदी तक इसी एम बैक्टीरिया की वजह से होते हैं। इसे माइकोप्लाज्मा बैक्टीरिया कहा जाता है, इसलिए बीमारी का नाम भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया है। भारत में किसी भी जगह इस संक्रमण में उछाल आने की कोई सूचना नहीं मिली है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि चीन में फैले संक्रमण को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच लगातार संपर्क किया जा रहा है। प्रत्येक जिले की दैनिक रिपोर्ट भी साझा की जा रही है।

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