Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

सेंट्रल रिज वन क्षेत्र में निर्माण से जुड़े अवमानना मामले में सुनवाई आज, दिल्ली HC दे सकता है अपना फैसला

Delhi राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल रिज में निर्माण से जुड़े एक अवमानना मामले में दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। चार सितंबर को हुई पिछली सुनवाई पर अदालत ने मालचा महल के चारों ओर चारदीवारी बनाने सहित किसी भी निर्माण पर अंतरिम रोक लगा दी थी। पीठ ने कहा था कि केंद्रीय रिज का कंक्रीटीकरण नहीं किया जा सकता है।

By Vineet TripathiEdited By: Nitin YadavUpdated: Mon, 09 Oct 2023 11:26 AM (IST)
Hero Image
सेंट्रल रिज वन क्षेत्र में निर्माण से जुड़े अवमानना मामले में सुनवाई आज।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल रिज में निर्माण से जुड़े एक अवमानना मामले में दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। चार सितंबर को हुई पिछली सुनवाई पर अदालत ने मालचा महल के चारों ओर चारदीवारी बनाने सहित किसी भी निर्माण पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

तुगलक-युग के स्मारक के चारों ओर शौचालयों के अलावा एक चारदीवारी के निर्माण के संबंध में एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के संबंध में अवगत कराए जाने पर न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा था कि केंद्रीय रिज का कंक्रीटीकरण नहीं किया जा सकता है। अदालत ने साथ ही दिल्ली सरकार को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

अदालत ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी का फेफड़ा माना जाने वाली यह पर्वतमाला दिल्ली में अरावली पहाड़ी श्रृंखला का विस्तार है और एक चट्टानी और जंगली क्षेत्र है। प्रशासनिक कारणों से इसे चार क्षेत्रों दक्षिण, दक्षिण-मध्य, मध्य और उत्तर में विभाजित किया गया है। इन चार क्षेत्रों का कुल क्षेत्रफल लगभग 7,784 हेक्टेयर है।

अवमानना मामले में अदालत की सहायता के लिए न्याय मित्र नियुक्त किए गए वकील गौतम नारायण और आदित्य एन प्रसाद ने सुनवाई के दौरान अदालत को चारों ओर एक चारदीवारी के प्रस्तावित निर्माण के संबंधित समाचार रिपोर्ट के बारे में सूचित किया।

यह भी पढ़ें: लॉकअप में बिना कारण रहे शख्स को मिलेगा 50 हजार का मुआवजा, दिल्ली HC ने कहा- कानून नहीं बन सकते पुलिस अधिकारी

मालचा महल के चारों ओर दीवार बनाने का था प्रस्ताव

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि मालचा महल एक संरक्षित स्मारक है जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन नहीं है और इसलिए इसके चारों ओर एक दीवार बनाने का प्रस्ताव था।

अदालत ने कहा था कि मामले पर विचार करने की जरूरत है और आज की स्थिति के अनुसार, अदालत के विचार से केंद्रीय रिज का कंक्रीटीकरण नहीं हो सकता है। स्मारक की सुरक्षा निस्संदेह महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके लिए 25 मीटर की चारदीवारी या शौचालयों के निर्माण की जरूरत नहीं है।

यह भी पढ़ें: Delhi News: सरोगेसी के लिए पत्नी से NOC मांगने वाली पति की याचिका खारिज, पारिवारिक अदालत का फैसला HC ने रखा बरकरार