23 कुत्तों की नस्लों पर केंद्र के प्रतिबंध को चुनौती वाली याचिकाओं पर एक साथ होगी सुनवाई, जानिए दिल्ली HC ने क्या कहा
दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 नस्लों के खूंखार कुत्तों की बिक्री और प्रजनन पर केंद्र के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं अपने पास स्थानांतरित कर लीं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि ये बहुत क्रूर कुत्ते हैं और वे बच्चों का पीछा कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि हम इस पर इतनी सारी जनहित याचिकाएं नहीं रख सकते।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 नस्लों के खूंखार कुत्तों की बिक्री और प्रजनन पर केंद्र के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं अपने पास स्थानांतरित कर लीं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि ये बहुत क्रूर कुत्ते हैं और वे बच्चों का पीछा कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि एक बार जब खंडपीठ मामले को देख लेगी, तो एकल न्यायाधीशों के समक्ष लंबित अन्य सभी समान याचिकाएं भी उसके पास आएंगी और एक साथ सुनवाई की जाएगी।
पीठ ने कहा कि हम इस पर इतनी सारी जनहित याचिकाएं नहीं रख सकते। एक ही मुद्दे पर कई याचिकाएं केवल जटिलताएं पैदा करेंगी और मामले के निपटारे में देरी करेंगी।
'हर कुत्ते प्रेमी या कुत्ते के मालिक को एक पक्ष बनाकर नहीं सुना जा सकता'
पेट लवर्स एसोसिएशन ने केंद्र की 12 मार्च की अधिसूचना को इस आधार पर चुनौती दी कि हितधारकों से परामर्श या आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए बिना 23 कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस पर पीठ ने कहा कि हर कुत्ते प्रेमी या कुत्ते के मालिक या एसोसिएशन को एक पक्ष बनाकर नहीं सुना जा सकता, यह असंभव है।
ऐसा नहीं हो सकता है कि हम केंद्र सरकार को जांच करने का निर्देश दें और फिर हम कहें कि केंद्र सरकार ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकती, हम इसे देखेंगे और जांच करेंगे।
पीठ ने इसी मुद्दे पर एकल न्यायाधीशों के समक्ष लंबित याचिकाओं को भी अपने पास स्थानांतरित कर लिया और मामले को नौ अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।यह भी पढ़ें -जेल में मुख्यमंत्री केजरीवाल, दिल्ली सरकार के सभी विभागों का काम रुक रहा; NCCSA की 14 फाइलें लटकी
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