Delhi Services Bill: दिल्ली सेवा विधेयक पर BJP व विपक्ष में तीखी नोकझोंक, जानिए किसने क्या कहा
राघव चड्ढा ने नियम-110 के तहत व्यवस्था का मुद्दा उठाया और कहा कि कोई सदस्य विषय से नहीं हट सकता और उसे विधेयक पर ही बोलना चाहिए। इस दौरान राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने पाठक को अदालत के विचाराधीन मुद्दे का विवरण उपलब्ध कराने को कहा। भाकपा सदस्य जान ब्रिटास ने नियम-240 के तहत व्यवस्था का मुद्दा उठाया और कहा कि चर्चा अप्रासंगिक नहीं हो सकती।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 08 Aug 2023 04:25 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी: दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा के दौरान सोमवार को राज्यसभा में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों खासकर आम आदमी पार्टी (आप) के बीच तीखी नोकझोंक हुई। चर्चा के दौरान भाजपा सदस्य अनिल जैन ने आरोप लगाया कि दिल्ली की आप सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है, पार्टी के आधा दर्जन नेता जेल में बंद हैं और वर्तमान मुख्यमंत्री उनके नेता हैं।
इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए माकपा के डा. वी. शिवदासन ने नियम-238 के तहत मुद्दा उठाया और दावा किया कि जैन ने मुख्यमंत्री के विरुद्ध अपमानजनक बयान दिया है एवं उनका नाम भी लिया है। आप के सदस्य संदीप कुमार पाठक ने भी इसी नियम के तहत समान मुद्दा उठाया और कहा कि मामला अदालत के विचाराधीन के कारण मुख्यमंत्री एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री के विरुद्ध आरोप नहीं लगाए जा सकते।आप के सदस्य राघव चड्ढा ने नियम-110 के तहत व्यवस्था का मुद्दा उठाया और कहा कि कोई सदस्य विषय से नहीं हट सकता और उसे विधेयक पर ही बोलना चाहिए। इस दौरान राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने पाठक को अदालत के विचाराधीन मुद्दे का विवरण उपलब्ध कराने को कहा। भाकपा सदस्य जान ब्रिटास ने नियम-240 के तहत व्यवस्था का मुद्दा उठाया और कहा कि चर्चा अप्रासंगिक नहीं हो सकती।
भाजपा के सुरेंद्र सिंह नागर ने जब दिल्ली सरकार और आप नेताओं के विरुद्ध आरोप लगाए तो राजद सदस्य मनोज झा ने व्यवस्था का मुद्दा उठा दिया। नागर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को ऐसा व्यक्ति करार दिया जो अपना वादा नहीं निभाता। चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा,
ओ ब्रायन ने यह भी पूछा कि केंद्र सरकार ने असम जैसे राज्यों में कितने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं जहां महिलाओं के विरुद्ध अपराध सबसे ज्यादा है। इस दौरान हस्तक्षेप करते हुए धनखड़ ने तृणमूल सदस्य को अपना भाषण विधेयक पर केंद्रित रखने के लिए आगाह किया और प्रधानमंत्री व कुछ अन्य मंत्रियों के विरुद्ध उनकी कुछ अन्य टिप्पणियों को हटा दिया।लोकतंत्र की एक संतान (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) लोकतंत्र को विकृत क्यों करेगी। वह (प्रधानमंत्री) यह क्यों सुनिश्चित करेंगे कि पिछले तीन वर्षों में संसद से पारित एक तिहाई विधेयक संघ विरोधी होंगे।
ओ ब्रायन ने जब भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दे उठाए तो सत्ता पक्ष ने इसका विरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री को उपस्थित रहना चाहिए था। धनखड़ ने बहस में भाग लेने के लिए भाजपा सदस्य कविता पाटीदार को बुलाया। लेकिन ओ ब्रायन ने अपना भाषण जारी रखा तो सभापति को तृणमूल नेता का नाम लेने पर मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने ब्रायन पर सदन में बहस को बाधित करने का आरोप लगाया। इससे पहले झामुमो सदस्य महुआ माजी और कांग्रेस सदस्य अजीत कुमार भुइयां ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे अलोकतांत्रिक और देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। राजद सांसद एडी सिंह ने विधेयक का विरोध किया
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