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HiBOX Scam: करोड़ों की ठगी में फंसी रिया चक्रवर्ती, सामने आया बड़ा अपडेट; इस केस में एल्विश भी शामिल

हाई बॉक्स मोबाइल एप के जरिए निवेश करने वाले लोगों से ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) समेत कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स (Elvish Yadhav) को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था। लेकिन कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ। पुलिस ने अब तक 30 पीड़ितों को उनके पैसे वापस दिलाए हैं।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 16 Oct 2024 09:05 PM (IST)
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करोड़ों की ठगी में फंसी अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती। फाइल फोटो
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। हाई बॉक्स मोबाइल एप के जरिये खरीददारी करने के लिए निवेश की गई रकम पर प्रतिदिन एक से पांच प्रतिशत का ब्याज पाने के लालच में ठगी के शिकार हुए पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी है।

इस केस जुड़ी मुख्य बातें-

  • अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती समेत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स व यूट्यूबर्स एल्विश यादव, अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान आदि दस यूट्यूबर्स को पुलिस ने जांच में शामिल होने के लिए भेजा था नोटिस
  • जांच में शामिल होने नहीं पहुंचे यूट्यूबर्स, सभी ने अधिवक्ताओं के जरिये दिए जवाब
  • पुलिस ने 30 पीड़ितों को दिलाए ठगी के पैसे
इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) को पता चला है कि लोगों को झांसे में लेने के लिए हाई बॉक्स एप लांच करने वाले ठगों ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती समेत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स व यूट्यूबर्स एल्विश यादव (Elvish Yadhav), अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान, लक्ष्य चौधरी, पुरव झा, स्टैंडअप कामेडियन भारती सिंह व उनके पति, सौरव जोशी, हर्ष लिंबाचिया, आदर्श सिंह, अमित उर्फ क्रेजी और दिलराज सिंह रावत उर्फ इंडियन हैकर से सोशल मीडिया व अन्य तरीके से प्रचार प्रसार कराया था ताकि एप के प्रति लोगों का विश्वास जग सके और वे बिना किसी तरह का संकोच किए मोटी रकम निवेश कर सके।

लेकिन निवेशकों के करोडों रुपये डूब जाने पर पुलिस में की गई शिकायत के बाद आईएफएसओ ने दो हफ्ता पहले अभिनेत्री रिया समेत इन सभी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था।

बता दें कि पांच व नौ अक्टूबर को दो अलग-अलग तिथियों में इन्हें आईएफएसओ ने अपने द्वारका स्थित मुख्यालय में पेश होने को कहा था, लेकिन जांच में शामिल होने कोई नहीं पहुंचे। सभी ने अपने-अपने अधिवक्ताओं के जरिये पुलिस को नोटिस का जवाब भिजवा दिया है।

पुलिस का कहना है कि सभी ने ठगों के साथ संलिप्तता से इनकार किया है। जवाब में यह भी बताया गया है कि विज्ञापन एजेंसियों के जरिए उनसे संपर्क किया गया था। इनसे मिले जवाब का पुलिस अध्ययन कर रही है। उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।

इस मामले में चेन्नई से पिछले हफ्ते गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपित जे शिवराम से पूछताछ में पता चला है कि वियतनाम के रहने वाले एक व्यक्ति ने हाई बॉक्स एप बनाया था। जिसके बाद उसने केरल के रहने वाले एक व्यक्ति से संपर्क कर उसे भारत में उक्त एप को लांच कर बिजनेस करने को कहा था। उस व्यक्ति ने उसे बिजनेस पार्टर बना ठगी का धंधा शुरू कर दिया था। केरल के रहने वाले व्यक्ति की भी पहचान कर ली गई है। उसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है।

आईएफएसओ धोखाधडी से जुड़े दो मामलों की जांच कर रही है। करीब 200 पीड़ितों ने अब तक पुलिस में शिकायत की है, जिन्हें इन दोनों मुकदमों में शामिल कर लिया गया है।

30 पीड़ितों के पैसे दिलवा दिए

पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि उन्हें हाई बॉक्स एप्लिकेशन में एक से पांच प्रतिशत दैनिक और 30 से 90 प्रतिशत मासिक गारंटी रिटर्न का वादा कर निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया था। जे शिवराम के चार बैंक खातों में जमा 18 करोड़ रुपये को फ्रीज करा दिया गया है। ठगी की रकम पाने के लिए अब तक जिन 30 पीड़ितों ने कोर्ट में आवेदन किया है, उनके पैसे दिला दिए गए हैं।

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बैंक खातों की जांच में करीब 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता चला है। 30 हजार से अधिक लोगों से पुलिस ने ठगी करने का दावा किया है। 16 अगस्त को आईएफएसओ को 29 पीड़ितों की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद 20 अगस्त को स्पेशल सेल में एक मामला दर्ज किया गया। और जिले में आई शिकायतों पर दूसरा मुकदमा दर्ज किया था।

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