अंग्रेजी भाषा के अलावा हिंदी में भी होने चाहिए जारी किए नोटिस, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को हाईकोर्ट का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत नर्सरी कक्षा में बच्चों के प्रवेश से संबंधित सभी नोटिस और परिपत्र केवल अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि हिंदी में भी जारी किए जाने चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी माता-पिता उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि या भाषाई दक्षता की परवाह किए बिना महत्वपूर्ण जानकारी को समझ सकें।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत नर्सरी कक्षा में बच्चे के प्रवेश की मांग वाली याचिका का निपटारा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने माना है कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) द्वारा जारी किए गए नोटिस और परिपत्र केवल अंग्रेजी भाषा तक ही सीमित नहीं होने चाहिए और उन्हें हिंदी में भी जारी किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने उक्त टिप्पणी डीओई के वकील के यह कहने के बाद की कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी (EWS Category) के बच्चों के प्रवेश से संबंधित परिपत्र और अधिसूचनाएं केवल अंग्रेजी में जारी की जाती हैं। अदालत ने कहा कि यह आवश्यक है कि शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए नोटिस/परिपत्र केवल अंग्रेजी भाषा तक ही सीमित नहीं होने चाहिए।
ताकि माता-पिता समझ सकें
अदालत ने कहा कि नोटिस हिंदी भाषा में भी जारी किए जाने चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी माता-पिता, उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि या भाषाई दक्षता की परवाह किए बिना, डीओई द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारी को समझ सकें। साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि कानून के तहत उपलब्ध अधिकार और अवसर सभी नागरिकों, विशेष रूप से वंचित पृष्ठभूमि के लोगों के लिए सुलभ हों सके।सभी जानकारी हिंदी में भी होगी अपलोड
उक्त टिप्पणी के साथ पीठ ने डीओई को अपने विभिन्न शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले माता-पिता द्वारा आवश्यक आय प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की वैधता के बारे में जानकारी व्यापक रूप से फैलाई जाए। अदालत ने कहा कि डीओई राष्ट्रीय राजधानी की आम जनता की आसान समझ के लिए इस जानकारी को हिंदी में भी अपलोड करेगा।
बच्चे की याचिका का किया निपटारा
उक्त टिप्पणी व निर्देश के साथ अदालत ने एक लड़के द्वारा अपने पिता के माध्यम से एक निजी स्कूल में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत नर्सरी कक्षा में बच्चे के प्रवेश की मांग करने वाली याचिका का निपटारा कर दिया। बच्चे का मामला यह था कि स्कूल ने उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया था और उसके माता-पिता के नवीनीकृत आय प्रमाणपत्र को स्वीकार नहीं किया था।डीओई ने क्या कहा?
वहीं, डीओई ने कहा कि अप्रैल में जारी उसके द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवेदन करने से पहले एक आय प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए। जबकि बच्चे के वकील ने स्वीकार किया कि उसके माता-पिता का आय प्रमाण पत्र प्रवेश के लिए आवेदन करने से केवल एक महीने पहले जारी किया गया था।ये भी पढ़ें- Arvind Kejriwal: केजरीवाल जेल से बाहर आएंगे या नहीं? हर बार टूट रही CM की आस; फिर से बढ़ गई मुश्किलें
इस पर अदालत को स्कूल को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत बच्चे को प्रवेश देने का निर्देश नहीं दिया क्योंकि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रवेश के समय नाबालिग इसके लिए आवेदन करने के लिए पात्र नहीं था।हालांकि, अदालत ने कहा कि बच्चे के माता-पिता ईडब्ल्यूएस वर्ग के थे और कई अन्य मामलों की तरह उतने पढ़े-लिखे नहीं थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।