दिल्ली निगम आयुक्त को खरी-खरी, बताएं कब होगी अगली कैबिनेट बैठक; HC ने कहा- MCD के विभागों में नहीं होता अदालत का सम्मान
Delhi High Court ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली नगर निगम एमसीडी (MCD) के आयुक्त को कटघरे में खड़ा कर दिया। अदालत ने कहा कि एमसीडी के विभागों में कोर्ट के आदेशों व कानून का सम्मान नहीं होता है। कोर्ट ने कहा बताएं कि पिछली कैबिनेट बैठक कब हुई और अगली बैठक कब होगा? पढ़िए सुनवाई के दौरान कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण रोकने में नाकामी और कूड़े से अटे पड़े नालों की समय से सफाई नहीं होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार को कटघरे में खड़ा किया।
अदालत के आदेशों का अनुपालन नहीं करने से लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय करने में लापरवाही बरतने पर एमसीडी आयुक्त की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाए।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि अदालत आदेश पारित करती रहती है और इन आदेशों पर अमल नहीं होता। एमसीडी के विभागों में अदालत के आदेशों व कानून का कोई सम्मान नहीं है।
अदालत ने एमसीडी आयुक्त से कहा कि आपके पास एक मजबूत तंत्र होना चाहिए, जहां लोग आपके पास आएं और आपको फीडबैक मिले।
जो अधिकारी निगरानी नहीं कर रहे, उन पर क्या कार्रवाई हुई?
इलाके के नाले में पानी जमा होने पर सवाल उठाते हुए अदालत ने आयुक्त से कहा कि आपराधिक कार्रवाई तो छोड़िए, प्रशासनिक तौर पर भी सिस्टम में कुछ जवाब होना चाहिए और काम नहीं करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि जो अधिकारी निगरानी नहीं कर रहे हैं उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई?अदालत ने कहा कि सुपरविजन करने वाला अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं और अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकल रहे हैं, ऐसे लोगों के विरुद्ध क्या कार्रवाई है? अधिकारी को इन सब बातों की जानकारी क्यों नहीं थी? हर कोई जानता था कि गर्मी कितनी थी। इस मानसून में भारी बारिश होगी, यह जानने के लिए आपको वैज्ञानिक होने की जरूरत नहीं है।पीठ ने कहा कि कोचिंग की इमारत के बारे में अदालत को बताया गया कि वहां पानी तहखाने में जाता था। तो फिर योजना स्वीकृत करते समय किसी को शर्त क्यों नहीं लगानी चाहिए थी? इस भवन योजना को किसने मंजूरी दी? क्या आपने उससे पूछताछ की है?
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