दिल्ली के स्कूलों को हाईकोर्ट की फटकार, शिक्षकों को दें बकाया एरियर नहीं तो विद्यालयों को टेकओवर करने का देंगे आदेश
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैथल ने कहा कि अगर स्कूल इसका पालन करने में असमर्थ हैं तो फिर अदालत शिक्षा निदेशालय को स्कूलों को अपने नियंत्रण में लेने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने के लिए बाध्य होगी ताकि शिक्षकों और छात्रों के हितों का ध्यान रखा जा सके। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। अदालत ने सभी पक्षों को लिखित दलीलें देने का निर्देश दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सातवें वेतन आयोग के तहत निजी स्कूलों के शिक्षकों को बकाया एरियर न मिलने को लेकर दायर अपील पर हाईकोर्ट निजी स्कूलों को फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भी जमा करने में असमर्थ हैं, तो इसका मतलब है कि स्कूल खराब स्थिति में हैं। उनके पास स्कूल चलाने के लिए धन नहीं है। कोर्ट ने कहा कि स्कूल बताएं कि वे कैसे, किस तरीके से और किस समय अपने शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन देना शुरू कर सकते हैं।
कोर्ट ने सभी पक्षों को लिखित दलीलें दाखिल करने के दिए निर्देश
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैथल ने कहा कि अगर स्कूल इसका पालन करने में असमर्थ हैं, तो फिर अदालत शिक्षा निदेशालय को स्कूलों को अपने नियंत्रण में लेने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने के लिए बाध्य होगी ताकि शिक्षकों और छात्रों के हितों का ध्यान रखा जा सके। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। अदालत ने सभी पक्षों को अपनी-अपनी लिखित दलीलें दस्तावेजों सहित दाखिल करने का निर्देश दिया।इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान स्कूलों की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि स्कूल याचिकाकर्ताओं को देय राशि का 25 प्रतिशत भी जमा करने की स्थिति में नहीं हैं। चूंकि शिक्षा निदेशालय ने उन्हें फीस वृद्धि को मंजूरी नहीं दी थी।ये भी पढ़ें- जेल में बंद सत्येंद्र जैन की बढ़ी मुश्किलें, इस मामले में 7 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप; LG ने दी जांच की मंजूरी
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