दिल्ली के इन तीन जिलों में आ रहा दूषित पानी, फ्लोराइड की मिली अधिक मात्रा; स्वास्थ्य को हो सकता है नुकसान
दिल्ली के तीन जिलों- उत्तर पश्चिमी दिल्ली दक्षिण पश्चिमी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा चिंताजनक रूप से अधिक पाई गई है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार भूजल में फ्लोराइड की मात्रा मानक प्रति लीटर 1.5 मिलीग्राम से अधिक है। इससे फ्लोरोसिस रोग होने का खतरा बढ़ जाता है जिससे दांत और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। भूजल का स्तर गिरने के साथ ही यहां का पानी भी दूषित हो रहा है। भूजल में फ्लोराइड की मात्रा बढ़ना चिंता का विषय है। इसे लेकर एनजीटी भी चिंता जता चुका है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 की तुलना में यह समस्या पहले की तुलना में कम हुई है।
पहले उत्तरी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली में फ्लोराइड की मात्रा तय मानक प्रति लीटर 1.5 मिलीग्राम से अधिक थी। वर्ष 2022-23 में उत्तर पश्चिमी दिल्ली, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली में यह समस्या मिली है।
फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने से होता है नुकसान
दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों में भूजल का उपयोग पेयजल सहित अन्य कार्यों के लिए किया जाता है। इसमें फ्लोराइड की मात्रा बढ़ना चिंता की बात है। इसे मानव के उपयोग के लिए फ्लोराइड की 0.6 मिलीग्राम प्रति लीटर मात्रा ही आवश्यक होती है। इससे दांत व हड्डियों को मजबूती मिलती है। परंतु इसकी मात्रा प्रति लीटर 1.5 मिलीग्राम से अधिक होने पर यह नुकसानदेह हो जाता है। फ्लोरोसिस रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे दांत व हड्डी कमजोर होने लगती है। पानी में फ्लोराइड अधिक होने से फ्लोरोसिस बीमारी होती है।अधिक फ्लोराइड से होती है फ्लोरोसिस बीमारी
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय लेखी का कहना है इसकी वजह से दांत खराब होने लगते हैं। हड्डियों का लचीलापन प्रभावित होता है और यह कमजोर होने लगती हैं। इस कारण हड्डियों के टूटने का भी खतरा रहता है। पानी में फ्लोराइड प्राकृतिक और मानव जनित दोनों कारणों से हो सकता है। कुछ चट्टानों में फ्लोराइड पाया जाता है।
उनका कहना है कि अधिक फर्टिलाइजर का उपयोग व कोयला जलाने से भी भूजल में फ्लोराइड की मात्रा बढ़ रही है। लगभग पांच वर्ष पहले जामिया मिलिया इस्लामिया के शोधकर्ताओं के अध्ययन में उत्तरी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली जिले में ईंट के भट्ठों के कारण भूजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की बात सामने आई थी। इस पर रोक लगने से स्थिति सुधरी है।
इन स्थानों पर भूजल में अधिक मिली है फ्लोराइड
- उत्तर पश्चिमी दिल्लीः खेड़ा कलां, संदेश विहार
- दक्षिणी पश्चिमी दिल्लीः शेखावटी लाइन
- पूर्वी दिल्लीः बैंक एन्कलेव (लक्ष्मी नगर)
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