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'मुझे शाम 7 बजे के बाद आकाश के तारे ही दिखाई देते हैं', दिलचस्प वाकये पर दिल्ली HC की आई टिप्पणी

दिल्ली हाईकोर्ट में एक वरिष्ठ जज ने एक वकील की जिरह पर चुटकी ली। जज ने कहा कि उन्हें सिर्फ आकाश में सात बजे दिखाई देने वाले तारे ही दिखाई देते हैं। यह टिप्पणी तब आई जब वकील ने जज से पेपर बुक के पेज छह पर बाएं कॉलम पर स्टार पर आने को कहा। जज के इस मजाकिया अंदाज ने कोर्ट रूम में हंसी का माहौल बना दिया।

By Vineet Tripathi Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 15 Sep 2024 09:28 PM (IST)
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वकीलों के जिरह के दौरान दिलचस्प वाकये पर दिल्ली हाईकोर्ट की आई टिप्पणी।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। सामान्य तौर पर आपने दिल्ली हाईकोर्ट में होने वाली तीखी बहस और तल्ख टिप्पणियों को पढ़ा और सुना होगा, लेकिन यह एक नया अनुभव है, जब एक वकील द्वारा की जा रही जिरह में हाई कोर्ट का मजाकिया अंदाज देखने को मिला।

दिल्ली हाईकोर्ट के ह्यूमर इन कोर्ट पर अपलोड किए गए ऐसे ही एक पोस्ट में वरिष्ठ न्यायमूर्ति ने कहा कि मुझे सिर्फ आकाश में सात बजे आकाश में दिखाई देने वाले तारे दिखाई देते हैं। हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता जिस तारे के चिह्न का जिक्र कर रहे हैं वह तारांकन है।

वकील के जिरह के बीच हाईकोर्ट ने की टिप्पणी

अदालत ने यह त्वरित टिप्पणी तब की जब एक मामले पर जिरह करते हुए एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि कृपया पेपर बुक के पेज छह को देखें और बाएं कॉलम पर स्टार पर आएं। इसके जवाब में पीठ ने कहा कि मिस्टर एक्स, मुझे शाम सात बजे के बाद आकाश में दिखाई देने वाले तारे ही दिखाई देते हैं।

दिल्ली HC की वेबसाइट पर 'ह्यूमर इन कोर्ट' लॉन्च

बता दें कि 11 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व हाई कोर्ट आइटी चेयरमैन न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने अभिनव प्रयोग करते हुए अपनी वेबसाइट पर 'ह्यूमर इन कोर्ट' लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य वर्षों से कोर्ट रूम के हल्के-फुल्के, मजाकिया और यादगार क्षणों का संग्रह करना है। इसमें वकीलों और न्यायाधीशों के बीच होने वाले हल्के मजाक और वार्तालाप को रिकॉर्ड पर लाने की कोशिश की गई।

जिरह को हल्के अंदाज में साझा किया जा सकेगा

न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा था कि अब हमारे पास एक जगह उपलब्ध होगी, जहां जो जिरह हम सुनते हैं और आदान-प्रदान करते हैं, उसे हल्के अंदाज में साझा किया जा सकेगा। साथ ही यह भी कहा था कि हालांकि, अधिवक्तओं को कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करना होगा।

ह्यूमर इन कोर्ट में अपने अनुभव साझा करने वाले अधिवक्ता का नाम गाेपनीय रखा जाएगा। इसके लिए कोई भी वकील या वादकारी अदालत कक्ष में अपने यादगार अनुभव ईमेल आईडी delhihighcourt @ nic.in पर भी भेज सकता है। इसे तीन न्यायाधीशों की उप-समिति द्वारा स्क्रीनिंग के बाद आनलाइन प्रकाशित किया जाएगा।

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