CAA: पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी अब बने भारत के नागरिक, दिल्ली में कई लोगों को मिली नागरिकता
आदर्श नगर के महाराणा प्रताप बस्ती की कच्ची और उबड़ खाबड़ रास्ते पर गुलाब और गेंदे के फूल बिखरे हुए हैं। रास्ते में बच्चे खेलते हुए खुशी से मिलते हैं। आगे एक टीनशेड वाले घर के सामने काफी लोग इकट्ठा हैं। फूलों की वर्षा हो रही है। तेज आवाज में देशभक्ति के संगीत बज रहा है। मिठाईयों से मुंह मीठा कराते हुए लोग भारत माता के जयकारे लगा रहे हैं।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। आदर्श नगर के महाराणा प्रताप बस्ती की कच्ची और उबड़ खाबड़ रास्ते पर गुलाब और गेंदे के फूल बिखरे हुए हैं। रास्ते में बच्चे खेलते हुए खुशी से मिलते हैं। आगे एक टीनशेड वाले घर के सामने काफी लोग इकट्ठा हैं। जहां फूलों की वर्षा हो रही है।
तेज आवाज में देशभक्ति के संगीत बज रहा है। मिठाईयों से मुंह मीठा कराते हुए लोग भारत माता के जयकारे लगा रहे हैं। सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का दिल से आभार जताते नहीं थक रहे हैं।
पांच शरणार्थियों को मिली नागरिकता
इस बस्ती में रहने वाले पांच हिंदुओं को बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए, CAA) के तहत नागरिकता मिली है, अब वे शरणार्थी नहीं हैं। बल्कि, भारत के नागरिक के तौर पर उनका पुर्नजन्म हुआ है। इसलिए, पूरी बस्ती, नए उत्साह, उमंग और उम्मीदों और सपनों के साथ खुशी से झूम रही है। नागरिकता पाए लोगों का स्वागत माला पहनाकर और पुष्प वर्षा कर किया जा रहा है।मजनू का टीला में भी खुशी का माहौल
इसी तरह का उत्सवी माहौल मजनू का टीला स्थित पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की बस्ती में भी है। वहां, भी पांच हिंदुओं को नागरिकता मिली है। भारत सरकार द्वारा नागरिकता देने का यह क्रम बुधवार से शुरू हो गया है। उम्मीद है कि कुछ दिनों में दिल्ली के विभिन्न शरणार्थी बस्तियों में रहते बाकि बचे हजारों आवेदकों को भी नागरिकता मिल जाएगी।
वीएचपी कर रहा मदद
बस्ती में मौजूद विहिप के मुखर्जी नगर जिले के महामंत्री प्रेम शर्मा बताते हैं कि इस बस्ती से 220 लोगों ने फार्म भरे हैं। इसके लिए यहां विशेष सहायता केंद्र भी खोला गया है, जहां से अभी भी इंटरनेट माध्यम से फार्म भरवाए जा रहे हैं। यहां के स्थानीय विहिप पदाधिकारियों और मंदिरों द्वारा उनके पक्ष में शपथपत्र जमा कर उनकी गारंटी ली जा रही है। प्रेम शर्मा खुद ने भी दो हजार से अधिक हिंदू शरणार्थियों के लिए शपथ पत्र जमा कराया है।घूम सकेंगे देश, गुजरात जाने की हसरत
महाराणा प्रताप बस्ती में अर्जुन, लक्ष्मी, चंद्र कला, बावना व हरजी को नागरिकता मिली है। ये सभी 18 से 28 वर्ष आयु वर्ग के हैं, जो वर्ष 2014 में धर्म आधारित प्रताड़ना व उत्पीड़न से बचने के लिए अपना सबकुछ छोड़कर परिवार के सदस्यों के साथ यहां आकर रह रहे थे। इसी तरह, मजनू का टीला बस्ती में भारत कुमार,यसोदा, हरेश, धोलाराम व शीतलदास को नागरिकता मिली है जो 24 से 35 वर्ष के बीच के हैं।बस्ती में कई बच्चे ऐसेे हैं जो यहीं जन्म लिए हुए हैं। नागरिकता पाने वालों में सबसे कम उम्र की छात्रा बावना है, जो 18 वर्ष की है। हाल ही में उसने 10 वीं की परीक्षा करीब 70 प्रतिशत अंकों से उर्तीण हुई है। आगे वह पढ़ाई कर के देश की सेवा करना चाहती है। वह गुजरात घूमने के साथ वृंदावन जाकर भगवान कृष्ण के दर्शन करना चाहती है। नागरिकता से अब उसके सपने पूरे होंगे। 46 वर्षीय राधा भरी आंखों से कहती हैं कि उनके बहुत सारे परिवार के लोग पाकिस्तान में रह गए हैं, जो धर्म के आधार पर उत्पीड़न, दमन और शोषण के शिकार हो रहे हैं। उन्हें भी भारत सरकार से काफी उम्मीदें हैं।
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