दिल्ली में ऐतिहासिक गेट और पुल बन रहे ASI के लिए चुनौती, पहले चरण में इन दो गेटों को बचाने का काम शुरू
राजधानी में ऐतिहासिक गेट और पुल बन रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के लिए चुनौती बन रहे हैं। आए दिन ऊंचे वाहन इनके निचने हिस्से में टक्कर मारते हैं और ये क्षतिगस्त हो जाते हैं।इसे देखते हुए इनका संरक्षण के साथ साथ इनके नीचे की सड़कों का तल नीचा किए जाने की भी योजना बनाई जा रही है जिससे इनके नीचे से वाहन गुजरने पर वे इससे न टकराएं।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में ऐतिहासिक गेट और पुल बन रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के लिए चुनौती बन रहे हैं। मुख्य समस्या दो गेटों त्रिपोलिया गेट और मंगी ब्रिज को लेकर है।
इनके नीचे से यातायात गुजरने से ये क्षतिग्रस्त हो रहे हैं । दो माह पहले एएसआइ की बैठक में इन दोनाें को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने का फैसला लिया गया है। पहले चरण में उत्तरी दिल्ली के ऐतिहासिक त्रिपोलिया गेट के संरक्षण का काम शुरू किया गया है, जल्द ही मंगी ब्रिज का शुरू होगा।
दिल्ली के बचे हुए ऐतिहासिक गेटों की बात करें तो ध्यान शाहजहांनाबाद के बचे हुए गेटों की ओर ही जाता है।इनमें दिल्ली गेट, अजमेरी गेट, तुर्कमान गेट, लाहौरी गेट (अब सिर्फ नाम का दरवाजा) हैं। इनके अलावा खूनी दरवाजा, शेरशाह गेट,कश्मीरी गेट के साथ साथ त्रिपोलिया गेट वर्तमान में दिल्ली के दरवाजों का अस्तित बचाए हुए हैं।
त्रिपोलिया गेट और मंगी पुल के अस्तित्व को खतरा
शाहजहाबाद के गेटों को अलग कर दें तो अन्य सभी को अलग अलग समय बनवाया गया और सभी का अलग अलग इतिहास है। त्रिपालिया गेट को अलग कर दें तो इन सभी को बचा पाने का बहुत खतरा नहीं है। इसीलिए हम यहां बात कर रहे हैं उस त्रिपोलिया गेट और मंगी पुल की जिनके अस्तित्व को अधिक खतरा है। दोनों के साथ एक ही तरह का खतरा है कि दोनों के नीचे से यातायात गुजरता है।
आए दिन ऊंचे वाहन इनके निचने हिस्से में टक्कर मारते हैं और ये क्षतिगस्त हो जाते हैं।इसे देखते हुए इनका संरक्षण के साथ साथ इनके नीचे की सड़कों का तल नीचा किए जाने की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे इनके नीचे से वाहन गुजरने पर वे इससे न टकराएं।
एएसआइ ने इसके लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा है।हालांकि मगी ब्रिज के जिस भाग में सड़क को नीचा किया जाना है वहां से पानी की पाइन लाइन गुजर रही है ऐसे में इस स्थान को नीचा किया जाने में समस्या है।इस समस्या के समाधान के लिए विचार किया जा रहा है।
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